ईरान था ट्रंप के खिलाफ और रूस ने बाइडन को घेरा, पढ़ें- अमेरिकी चुनाव को लेकर सामने आई ये रिपोर्ट
रूस ने बाइडन पर आरोपों को मजबूती देने के लिए किया काम। ईरान ने ट्रंप को हराने के लिए चलाया अभियान। अमेरिका की खुफिया एजेंसी की एक गोपनीय रिपोर्ट के लीक होने के बाद ये जानकारी सामने आई है।
वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका के 2020 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस और ईरान ने वोटरों को प्रभावित करने की कोशिश की थी। रूस ने जो बाइडन के खिलाफ काम करते हुए उनके खिलाफ लग रहे आरोपों को मजबूती देने के लिए काम किया था, ईरान ने ट्रंप को हराने के लिए अभियान चलाया। हालांकि दोनों ही देश अमेरिका की पूरी चुनाव प्रक्रिया में कोई दखलंदाजी नहीं कर सके।
अमेरिका की खुफिया एजेंसी की एक गोपनीय रिपोर्ट के लीक होने के बाद ये जानकारी सामने आई है।
खुफिया एजेंसी की रिपोर्ट में कहा गया है कि चुनाव प्रक्रिया में किसी भी विदेशी ताकत के घुसपैठ किए जाने के सुबूत नहीं मिले हैं। चुनाव प्रक्रिया के दौरान वोटरों को प्रभावित करने की कोशिशें पुरजोर तरीके से की गई थीं।
वोटरों को प्रभावित करने के लिए दो तरीके के अभियान चले। एक अभियान रूस ने चलाया, जिसमें पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दूसरे कार्यकाल में व्हाइट हाउस पहुंचाने के लिए था। दूसरा ईरान ने चलाया, जिसमें ट्रंप का विरोध किया गया और कोशिश रही कि ट्रंप किसी भी तरीके से चुनाव न जीत पाएं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस की इस चुनाव में प्रमुख रणनीति बाइडन के खिलाफ वोटरों को प्रभावित करने की थी। इसके लिए रूस ने खुफिया विभाग के संपर्क में रहने वाले अमेरिकी मीडिया संगठनों, अधिकारियों, प्रमुख लोगों और कुछ ऐसे लोग, जो टं्रप के करीबी थे, इन सभी को अपना माध्यम बनाया। रूस का मकसद जो बाइडन के खिलाफ भ्रामक और बेबुनियाद आरोपों को मजबूती देने का प्रयास था। रिपोर्ट में कहा गया है कि ईरान की कोशिश थी कि ट्रंप को ईरान के प्रति नीतिगत मामलों में बदनाम किया जाए। अमेरिकी वोटर से सहानुभूति लेते हुए ट्रंप के अभियान को कमजोर किया जाए।