जानें, पेप्सिको की पूर्व सीइओ इंदिरा नुई की नई जिम्मेदारी, नहीं लेंगी कोई पद
इसके साथ ही 63 वर्षीय नुई ने उन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि अब उनकी किसी नए पद को ग्रहण करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।
न्यूयॉर्क, पीटीआइ । पेप्सिको की पूर्व चेयरमैन और सीइओ इंदिरा नुई अब अनाथ बच्चों व बुजुर्गों पर अपना ध्यान केंद्रीत करेंगी। इसके साथ ही 63 वर्षीय नुई ने उन अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि अब उनकी किसी नए पद को ग्रहण करने में कोई दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस तरह के किसी रेस में वह शामिल भी नहीं है। बता दें कि पेप्सिको के चेयरमैन पद से इस्तीफा देने के बाद यह अटकले लगाई जा रही थी कि नुई को कोई नई जिम्मेदारी दी जा सकती है।
पिछले हफ्ते विश्व शिखर सम्मेलन के दौरान नुई ने कहा था कि अगले कुछ वर्षों में अमेरिका में छोटे बच्चों एवं बुजुर्गों की देखभाल करने वालों की भारी कमी होगी। अमेरिका के समक्ष यह बड़ी समस्या होगी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में काम करने की एक बड़ी चुनौती है।
नुई ने कहा कि यह समय इन मुद्दों पर वार्ता करने की नहीं, बल्कि इस पर विचार करके काम करने की जरूरत है। पूर्व सीइओ ने कहा कि इस क्षेत्र को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर समय रहते हम नहीं चेते तो इससे एक प्रमुख संकट का सामना करना पड़ सकता हे। जब उनसे यह पूछा गया कि आखिर वह इस काम को कैसे अंजाम देंगी। क्या इसके लिए कोई कार्यालय चलाया जाएगा।
नुई ने कहा कि यह एक वास्तवीक मुद्दा है। उन्होंने कहा कि इस पर एक व्यावाहिक नीति तैयार किए जाने की जरूरत है। दुनियाभर के मुल्कों को वहां के समुदायों, समाजों एवं परिवारों को एक साथ मिलकर इस समस्या का समाधान खोजना होगा। अगर हम समय रहते इस पर काम नहीं शुरू किए तो यह एक विकराल समस्या का रूप अख्तियार कर सकता है। उन्होंने कहा कि अब असल समस्या यह है कि हम टेबल के चारों ओर सही लोगों कैसे एकत्र करें।
बता दें कि पेप्सिको की पूर्व सीइओ इंद्रा नूई का नाम वर्ल्ड बैंक के संभावित प्रमुखों की सूची में सबसे ऊपर चल रहा है। भारतीय मूल की नूई के नाम का प्रस्ताव अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सलाहकार और बेटी इवांका ट्रंप ने किया है। हालांकि, अभी यह तय नहीं है कि नूई यह प्रस्ताव स्वीकार करेंगी या नहीं। गौरतलब है कि भारतीय मूल की नूई ने 12 वर्षों तक पेप्सिको का नेतृत्व किया है। वे दुनिया की सबसे प्रभावशाली महिलाओं और बेहतरीन कारोबारी प्रशासकों में शामिल रही हैं।
भारत के चेन्नई में जन्मी नुई के पिता स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद में मैनेजर और दादा जिला जज थे। उन्होंने आइआइएम कोलकता से मैनेजमेंट का कोर्स पूरा किया। वर्ष 2001 में इंदिरा ने पेप्सिको ज्वाइन किया। तब से लेकर अब तक पेप्सिको का मुनाफा 2.7 बिलियन डॉलर से बढ़कर 6.5 बिलियन डॉलर हो गया। 2007-08 में इंदिरा को टाइम मैगजीन ने दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में जगह दी थी। वर्ष 2007 में भारत सरकार ने इंदिरा को पद्म विभूषण के सम्मान से नवाजा था।