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तमिलनाडु की छात्रा राजलक्ष्मी अमेरिका में यंग स्कॉलर अवार्ड के लिए चुनी गई

ऐसी तकनीक विकसित की है जो स्मार्टफोन की मदद से स्वास्थ्य संबंधी संभावित जानलेवा समस्याओं का पता लगाने में सक्षम है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 11 Sep 2018 07:28 PM (IST)Updated: Tue, 11 Sep 2018 08:53 PM (IST)
तमिलनाडु की छात्रा राजलक्ष्मी अमेरिका में यंग स्कॉलर अवार्ड के लिए चुनी गई
तमिलनाडु की छात्रा राजलक्ष्मी अमेरिका में यंग स्कॉलर अवार्ड के लिए चुनी गई

वाशिंगटन, प्रेट्र। भारत में जन्मीं राजलक्ष्मी नंदकुमार को अमेरिका में प्रतिष्ठित 'यंग स्कॉलर' अवार्ड के लिए चुना गया है। उन्होंने ऐसी तकनीक विकसित की है जो स्मार्टफोन की मदद से स्वास्थ्य संबंधी संभावित जानलेवा समस्याओं का पता लगाने में सक्षम है। यह तकनीक किफायती भी है। राजलक्ष्मी के माता-पिता तमिलनाडु के मदुरै शहर के रहने वाले हैं।

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यूनिवर्सिटी ऑफ वाशिंगटन में पढ़ रहीं राजलक्ष्मी द्वारा विकसित तकनीक से एक सामान्य स्मार्टफोन को सक्रिय सोनार सिस्टम में तब्दील किया जा सकता है। यह शारीरिक गतिविधि और सांसों की हरकत से स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का पता लगाने में सक्षम है। इसमें डिवाइस का आपके शरीर से जुड़ा रहना जरूरी नहीं है। राजलक्ष्मी को इसे विकसित करने की प्रेरणा चमगादड़ों से मिली जो रात में बिना रोशनी के सोनार संकेतों की मदद से अपना रास्ता खोजते हैं।

राजलक्ष्मी ने चेन्नई से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग में स्नातक किया है। वह भारत में माइक्रोसॉफ्ट रिसर्च के लिए भी काम कर चुकी हैं। आगे की पढ़ाई के लिए वह 2013 में अमेरिका चली गई थीं। 


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