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US पढ़ने गए भारतीय छात्र वापस लौटने को मजबूर, स्टूडेंट वीजा पर भी रोक लगाने का ऐलान

कोविड-19 के मद्देनजर अमेरिका में पढ़ने वाले दूसरे देशों के छात्रों को अपने देश लौटना होगा क्योंकि यहां ऑनलाइन क्लासेज के तहत वीजा न जारी किए जाने का फैसला लिया गया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 11:41 AM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 11:41 AM (IST)
US पढ़ने गए भारतीय छात्र वापस लौटने को मजबूर, स्टूडेंट वीजा पर भी रोक लगाने का ऐलान
US पढ़ने गए भारतीय छात्र वापस लौटने को मजबूर, स्टूडेंट वीजा पर भी रोक लगाने का ऐलान

न्यूयार्क, प्रेट्र। अमेरिका की यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले भारत समेत अन्य देशों के हजारों छात्र-छात्राओं  को वापस लौटना पड़ सकता है। अमेरिका में F-1 या M-1 स्टूडेंट वीजा के आधार पर पढ़ने वाले छात्रों को अपने देश वापस लौटना होगा अगर उनके स्कूलों में महामारी के कारण केवल ऑनलाइन क्लासेज के संचालन का प्रावधान लागू हो जाता है। अमेरिका की फेडरल इमिग्रेशन ऑथोरिटी ने ऐलान किया है कि यहां डिग्री कर रहे दूसरे देशों के छात्रों को अपने देश लौटना होगा। बता दें कि  अमेरिका के कई नामी यूनिवर्सिटीज ने महामारी के कारण सेमेस्टर के दौरान क्लासेज को ऑनलाइन कर दिया है। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि नई नीति के तहत कितनी संख्या में विदेशी छात्र प्रभावित होंगे। अमेरिका के सम्मानित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने भी अपनी सभी कक्षाएं ऑनलाइन करने की घोषणा कर दी थी। 

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विदेशी छात्र-छात्राओं को लगा झटका

कोरोना वायरस की महामारी का हवाला देते हुए ट्रंप प्रशासन ने अमेरिकी इमिग्रेशन सिस्टम में अनेकों बदलाव किए है। 22 जून को इसने L-1, H-1B, H-2B और  J-1 वीजा पर रोक लगाने का ऐलान कर दिया था और अब स्टूडेंट वीजा पर भी रोक लगाने का फैसला कर दिया है। अमेरिका की यूनिवर्सिटी व कॉलेजों में अकेडमिक प्रोग्राम के तहत एडमिशन लेने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्र छात्राएं F-1 वीजा के तहत यहां रहते हैं वहीं वोकेशनल या अन्य किसी कोर्स या टेक्निकल प्रोग्राम के लिए  M-1 वीजा की जरूरत होती है। 2017-18 में भारत से यहां सबसे कुल  2 लाख 51 हजार स्टूडेंट आए थे वहीं चीन से कुल 4 लाख 78 हजार 7 सौ 32 स्टूडेंट यहां पढ़ने आए थे।

ऑनलाइन क्लासेज का होगा संचालन  

दरअसल, कोविड-19 के कारण वहां फैली महामारी के संकट से बचने के लिए अमेरिका की यूनिवर्सिटी अब ऑनलाइन क्लास का प्रावधान करने को लेकर विचार कर रही है। बता दें कि दुनिया भर के संक्रमित देशों में सबसे पहला नंबर अमेरिका का है। इमिग्रेशन एंड कस्टम एनफोर्समेंट (ICE) की ओर से सोमवार को जारी प्रेस रिलीज में कहा गया कि 2020 सेमेस्टर के स्टूडेंट्स के लिए ऑनलाइन क्लास का प्रावधान किए जाने की संभावना है इसलिए दूसरे देशों से आए विद्यार्थियों को यहां रहने की आवश्यकता नहीं। सितंबर से दिसंबर तक के सेमेस्टर के लिए रिलीज में कहा गया, 'इस सेमेस्टर के लिए किसी स्कूल या प्रोग्राम में एडमिशन लेने वाले स्टूडेंट के लिए वीजा नहीं जारी किया जाएगा क्योंकि यह पूरी तरह ऑनलाइन किया जाना है।' 


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