बुजुर्गों से ठगी के मामले में अमेरिका में भारतीय छात्र को पांच साल की जेल
अमेरिकी कोर्ट ने एक भारतीय छात्र को ठगी के मामले में पांच साल की सजा सुनाई है। उसने टेलीमार्केटिंग की फ्राड स्कीम तकनीकि मदद की थी जिसमें बुजुर्गों से करोड़ों की ठगी हुई थी।
वाशिंगटन, प्रेट्र। टेलीमार्केटिंग के जरिए हुई करोड़ों की ठगी के मामले में अमेरिकी कोर्ट ने एक भारतीय छात्र को पांच साल की कैद की सजा सुनाई है। ठगों ने अपनी स्कीम के जरिए बुजुर्गों को शिकार बनाया था। न्यूपोर्ट शहर की पुलिस ने पिछले साल 18 नवंबर को धोखाधड़ी की इस साजिश का पर्दाफाश किया था।
साजिश में की थी तकीनीक मदद
21 साल का यह भारतीय छात्र विश्वजीत कुमार झा हॉस्पिटेलिटी इंडस्ट्री में इंटर्नशिप कर रहा था। उसने इस टेलीमार्केटिंग फ्रॉड स्कीम में तकनीकी मदद की थी।
बुजुर्गों को बनाया शिकार
जालसाजों ने अपनी फ्रॉड स्कीम के जरिए 58 से लेकर 93 साल तक के बुजुर्गों को शिकार बनाया था। पुलिस के अनुसार इस स्कीम में फंसकर करीब दो दर्जन बुजुर्गों ने अपनी सालों की सारी वचत गंवा दी।
सेवानिवृत्ति बचत को लूटा
पुलिस के अनुसार जाल साजों ने अपने जाल में फंसाकर बुजुर्गों को नौकरी पूरी करने के बाद मिली रकम को हड़प लिया। यह रकम 10 लाख डॉलर (करीब सात करोड़ रुपये) से ज्यादा है।
भारत और चीन भेजी गई रकम
ठगों ने धोखाधड़ी से जुटाई गई रकम का कैलिफोर्निया के एक बैंक खाते के जरिये लेनदेन किया गया था। इसमें से बड़ा हिस्सा भारत, चीन और सिंगापुर भेजा गया था।
छापे में मिले सुबूत
अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, बुजुर्गो के साथ हुई इस धोखाधड़ी में विश्वजीत लिप्त पाया गया है। विश्वजीत और अन्य साजिशकर्ताओं के घरों पर मारे गए छापों में धोखाधड़ी से जुड़े कई दस्तावेज बरामद किए गए थे।
लोकसभा चुनाव और क्रिकेट से संबंधित अपडेट पाने के लिए डाउनलोड करें जागरण एप