चीन की आक्रामकता और मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ अमेरिका में भारतीयों का प्रदर्शन
ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी यूएस के अदापा प्रसाद ने कहा कि सिर्फ भारत में लद्दाख की बात नहीं है उसने यह हरकत अपने दूसरे पड़ोसियों के साथ भी की है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। भारतीय मूल के अमेरिकियों ने भारत के प्रति चीन की आक्रामकता और उइगर मुस्लिमों के मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ रविवार को यहां प्रदर्शन किया। शारीरिक दूरी बरकरार रखते हुए और मास्क पहने हुए शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारी रविवार को अमेरिकी संसद के सामने स्थित ऐतिहासिक नेशनल मॉल पर एकत्रित हुए। इस दौरान उन्होंने चीन विरोधी पोस्टर, बैनर दिखाने के साथ ही कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) और उसके नेताओं के खिलाफ नारेबाजी की।
दूसरे की जमीन पर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहा है चीन
ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी यूएस के अदापा प्रसाद ने कहा, 'इन गर्मियों में जब पूरी दुनिया कोरोना महामारी से लड़ रही थी, चीन दूसरे की जमीन पर अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहा था। सिर्फ भारत में लद्दाख की बात नहीं है, उसने यह हरकत अपने दूसरे पड़ोसियों के साथ भी की है। अब समय आ गया है कि विश्व इस चीनी आक्रमता के खिलाफ एकजुट हो।'
उइगर मुस्लिमों के धार्मिक अधिकारों का हनन किया
बता दें कि 15 जून को गलवन घाटी में हुए संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे जबकि 40 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए थे। भारतीय मूल के अमेरिकी रिपब्लिकन और प्राउड अमेरिकन पॉलिटिकल एक्शन कमिटी के संस्थापक पुनीत अहलुवालिया ने कहा, 'चीन की कम्युनिस्ट पार्टी ने उइगर मुस्लिमों के धार्मिक अधिकारों का हनन किया है और हांगकांग के लोगों के मानवाधिकारों का उल्लंघन किया है।'
वर्जीनिया के लेफ्टिनेंट गवर्नर बनने की दौड़ में शामिल अहलुवालिया ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का चीन के खिलाफ सख्त कदम बिलकुल सही दिशा में है। चीन को अंतरराष्ट्रीय नियमों को मानना ही होगा। ग्रेटर वाशिंगटन डीसी इलाके के प्रख्यात भारतीय-अमेरिकी सुनील सिंह ने भारत में चीनी एप प्रतिबंधित करने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के फैसले की प्रशंसा की। यह वाशिंगटन डीसी में भारतीय मूल के अमेरिकियों द्वारा चीन के खिलाफ दूसरा बड़ा प्रदर्शन है।