भारतीय मूल के प्रोफेसर पर अमेरिकी छात्रों से नौकर की तरह काम कराने का आरोप
अमेरिका में एक भारतीय मूल के प्रोफेसर पर छात्रों को नौकर के रूप में कार्य करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया गया है।
वाशिंगटन, जेएनएन। अमेरिका में एक भारतीय मूल के प्रोफेसर पर छात्रों को नौकर के रूप में कार्य करने के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया गया है। यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट में दी गई है। रविवार को कंसास सिटी स्टार डेली की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि मिसौरी-कंसास सिटी विश्वविद्यालय में 24 साल से काम कर रहे प्रोफेसर अशीम मित्रा पर उनके छात्रों ने सामाजिक कार्यक्रमों में उपकरण और टेबल को ढोने का आरोप लगाया है।
कभी-कभी हफ्तों के लिए जब वह और उनकी पत्नी कहीं दूर जाते थे तो वह अपने लॉन को रखरखाव करने, कुत्ते की देखभाल करने और घर के पौधों को पानी देने की उम्मीद करते थे। यह दावा प्रोफेसर अशीम मित्रा के करीब दर्जनों छात्रों ने किया है।
उनके पूर्व छात्र कामेश कुचिमांची ने एक समाचार पत्र को बताया कि उन्होंने विश्वविद्यालय में अपने जीवन को आधुनिक गुलामी से ज्यादा कुछ नहीं माना। छात्रों की शिकायतों की प्रोफेसर मित्रा के पूर्व सहयोगियों ने पुष्टि की। उन्होंने दैनिक अखबार को बताया कि उन्होंने छात्रों को कैंपस के बाहर नौकर की तरह काम करते देखा या उनकी शिकायतों को सुना। उनके सहयोगियों ने उनसे बार-बार कहा कि उनके कार्य अनुचित हैं, फिर भी कोई बदलाव नहीं आया।
लंबित मामलों के आरोपों के मुताबिक, विश्वविद्यालय न केवल मित्रा के व्यवहार के बारे में जानता था, लेकिन प्रशासकों ने वर्षों से शिकायतों को नजरअंदाज किया क्योंकि वह स्कूल के लिए शोध के क्षेत्र में सबसे सफल संकाय सदस्यों में से एक थे, जिसमें लाखों लोगों को अपने घेरे में लेने में सफल होते थे। 2013 में यूएमकेसी के फार्मेसी स्कूल में डॉक्टरेट की उपाधि हासिल करने वाले एक छात्र ने बताया कि अगर छात्रों ने मित्रा से इनकार कर दिया तो उनके असर के कारण छात्र डरे हुए थे।