यूएन के अंदर से लेकर बाहर तक सक्रिय हुई भारत की कूटनीति, भारतीय खेमे ने की 25 द्विपक्षीय बैठकें
प्रधानमंत्री मोदी ने अकेले छह द्विपक्षीय और तीन बहुपक्षीय बैठकों में हिस्सा लिया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 11 देशों के विदेश मंत्रियों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं।
आशुतोष झा, न्यूयॉर्क। ह्यूस्टन में 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम के जरिये प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय कूटनीतिक खेमे में जो जोश भरा है उसकी बानगी न्यूयॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के मुख्यालय में साफ-साफ दिखाई दे रहा है। संयुक्त राष्ट्र भवन के अंदर से लेकर बाहर तक भारतीय कूटनीतिक दल की सक्रियता इस बात से समझी जा सकती है कि सोमवार को अकेले भारतीय खेमे ने 25 बैठकों को अंजाम दिया।
प्रधानमंत्री मोदी ने अकेले छह द्विपक्षीय और तीन बहुपक्षीय बैठकों में हिस्सा लिया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने 11 देशों के विदेश मंत्रियों के साथ अलग-अलग बैठकें कीं। विदेश राज्यमंत्री वी. मुरलीधरन की अगुआई में दूसरे छोटे देशों के साथ बैठकों का सिलसिला जारी है।
राष्ट्रों को साधने की कोशिश
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन की अगुआई में विदेश मंत्रालय के अधिकारियों की एक पूरी टीम सभी सदस्य देशों के बीच संपर्क साधे हुए है। अकबरुद्दीन की टीम खास तौर पर पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर मुद्दे पर समर्थन जुटाने और उसे महासभा के भीतर विभिन्न फोरमों में उठाने की कोशिश पर नजर रखे हुए है।
इसी तरह 'हाउडी मोदी' कार्यक्रम से निवृत्त होकर अमेरिका में भारत के राजदूत हर्ष श्रृंगला पिछले दो दिनों से दोनों शीर्ष नेताओं (राष्ट्रपति ट्रंप व प्रधानमंत्री मोदी) के बीच होने वाली बैठक की तैयारियों में जुटे हैं। श्रृंगला की भारत-अमेरिका के बीच कारोबारी वार्ता में अहम भूमिका है।
प्रधानमंत्री मोदी ने की छह द्विपक्षीय बैठकें
सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी की कतर, नाइजर, इटली, नामीबिया, मालद्वीव और यूनीसेफ के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर के साथ छह द्विपक्षीय बैठकें हुईं। साथ ही उन्होंने तीन अहम बहुराष्ट्रीय बैठकों को भी संबोधित किया। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी ने जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल, नार्वे, आइसलैंड, आयरलैंड के प्रधानमंत्रियों के साथ अलग-अलग क्षणिक मुलाकात की।
पीएम मोदी की अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बहुप्रतीक्षित द्विपक्षीय मुलाकात के अलावा इंडो पैसिफिक आइलैंड देशों के प्रमुखों के साथ अलग से बैठक होनी है।
मध्य अमेरिकी देशों को विशेष तवज्जो
सोमवार को विदेश मंत्री जयशंकर ने ईरान, गुयाना, यूएई, उज्बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्की समेत 11 देशों के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं। विदेश राज्यमंत्री को मध्य अमेरिका के 16 देशों के संगठन 'सीका' के प्रतिनिधियों के साथ अलग बैठक की जिम्मेदारी दी गई थी। इन सभी छोटे-छोटे देशों पर खास तौर पर इसलिए भी तवज्जो दी जा रही है कि आने वाले दिनों में संयुक्त राष्ट्र में कई संगठनों की बैठकों में पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर का मुद्दा उठाए जाने की संभावना है।
भारत के फैसले की हकीकत समझने लगे अधिकांश देश
विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त करने के साथ ही यह तय हो गया था कि आने वाले कुछ महीने भारतीय विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के लिए काफी अवसरों वाले होंगे। हम पहले संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद की बैठक में पाकिस्तान के मंसूबों को असफल कर चुके हैं।
कश्मीर पर प्रस्ताव लाने की पाकिस्तान की मांग को किसी भी देश ने समर्थन नहीं दिया। इसके लिए यूरोप से लेकर वाशिंगटन तक जबरदस्त कूटनीति दांव चले गए थे। संयुक्त राष्ट्र महाधिवेशन में भी अधिकांश देश अनुच्छेद 370 हटाने के भारत के फैसले की हकीकत समझने लगे हैं।