भारतीय अमेरिकी ने की करोड़ों रुपये की बैंक धोखाधड़ी, मिली 30 साल कैद की सजा
न्यू-जर्सी स्थित संगमरमर और ग्रेनाइट थोक व्यापारी के एक भारतीय-अमेरिकी राष्ट्रपति ने USD17 मिलियन करीब (125 करोड़) सुरक्षित क्रेडिट के संबंध में बैंक को धोखा देने की योजना बनाने में अपनी भूमिका स्वीकार की है।
वॉशिंगटन, पीटीआइ। भारतीय मूल के एक अमेरिकी व्यक्ति ने जालसाजी कर बैंक से 1.7 करोड़ अमेरिकी डॉलर (लगभग 125 करोड़ रुपये) का कर्ज लेने और धोखा देने की योजना बनाने में अपनी संलिप्तता स्वीकार कर ली है। अमेरिकी अटॉर्नी ने बताया कि राजेंद्र कंकारिया (61) ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये अमेरिकी जिला न्यायाधीश सूसन डी विंग्टन के समक्ष बैंक से धोखा करने का अपना गुनाह स्वीकार कर लिया।
राजेंद्र को अधिकतम 30 साल की सजा मिल सकती है और 10 लाख अमेरिकी डॉलर तक का जुर्माना लग सकता है। कंकारिया को 18 जनवरी को सजा सुनाई जाएगी। दस्तावेजों के अनुसार मार्च 2016 से मार्च 2018 तक लोटस एक्जिम इंटरनेशनल इंक के अध्यक्ष ने अन्य कर्मचारियों के साथ मिलकर बैंक से धोखे से 1.7 करोड़ डॉलर का कर्ज लेने की साजिश रची थी।
भारतीय मूल के दंपती से संदिग्ध नकदी बरामदब्रिटेन में पुलिस ने भारतीय मूल के दंपती के पास से तीन लाख पाउंड (2.84 करोड़ रुपये) से अधिक की नकदी बरामद की है। पुलिस का मानना है कि यह धन गलत तरीके से अर्जित किया है। राष्ट्रीय अपराध एजेंसी (एनसीए) ने बताया कि दंपती शैलेश और हरकित सिंगारा के उत्तर-पश्चिम लंदन के एडवेयर स्थित घर से दो लाख पाउंड से अधिक की नकदी बरामद की गई। सिंगारा के व्यापारिक सहयोगी शैलेश मंडालिया के पास से भी एक लाख पाउंड बरामद किए गए हैं।
यह नकदी उसके पास मौजूद एक बैग में थी। तीनों ने अदालत में यह दावा किया है कि यह नकदी वैध है और अगर कोई गड़बड़ हुई भी है तो उसके लिए खराब अकाउंटिंग जिम्मेदार है। हालांकि अदालत ने उनकी यह दलील खारिज कर दी है। इनके पास से बरामद तीन लाख पाउंड की रकम का इस्तेमाल समुदायों के हितों के लिए किया जाएगा। कोर्ट ने इन तीनों को अलग से 4350 पाउंड का भुगतान करने का भी निर्देश दिया है।