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भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति बोले, भारत-चीन सीमा विवाद पर बहुत चिंतित हूं

राजा कृष्णमूर्ति ने यह बात हाउस परमानेंट सेलेक्ट कमिटि ऑन इंटेलीजेंस की बैठक के दौरान कही। वह इस कमिटि के पहले और एकमात्र भारतीय मूल के अमेरिकी सदस्य हैं।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Fri, 18 Sep 2020 04:56 PM (IST)Updated: Fri, 18 Sep 2020 04:56 PM (IST)
भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति बोले, भारत-चीन सीमा विवाद पर बहुत चिंतित हूं

वाशिंगटन, प्रेट्र। भारतीय मूल के अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा है कि वह भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर 'बहुत चिंतित' हैं। उन्होंने कहा, 'मैंने एक प्रस्ताव पेश किया है, जिसमें चीन से कहा गया कि वह भारत के प्रति सैन्य उकसावे की कार्रवाई बंद करे और कूटनीतिक समाधान पर ध्यान दे। जब तक यह विवाद पूरी तरह हल नहीं हो जाता, इस पर करीब से नजर रखूंगा।'

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उन्होंने यह बात 'हाउस परमानेंट सेलेक्ट कमिटि ऑन इंटेलीजेंस' की बैठक के दौरान कही। वह इस कमिटि के पहले और एकमात्र भारतीय मूल के अमेरिकी सदस्य हैं। इस मुद्दे पर कमिटि की पहली बार बैठक हुई है।

इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति की डिप्टी असिस्टेंट लीजा कर्टिस ने द्विपक्षीय दृष्टिकोण से देखें तो वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन की हालिया कार्रवाइयों ने अमेरिका-भारत की रणनीतिक साझेदारी के महत्व को और अधिक मजबूत किया है।

साथ ही उन्होंने कहा कि भारतीय-प्रशांत क्षेत्र में चीनी आक्रामकता के खिलाफ अमेरिका-भारत के संबंधों को मजबूत बनाने का हमारा संकल्प है। कर्टिस ने कहा कि संकट के इस दौर में अमेरिका ने भारत को मजबूत और स्पष्ट समर्थन प्रदान किया है। बता दें कि पिछले कुछ महीनों में शीर्ष अमेरिकी सांसदों ने भारत में चीनी घुसपैठ पर अपनी चिंता व्यक्त की है।

अमेरिका राष्ट्रपति चुनाव में विदेश मुद्दों की बात

बता दें कि तीन नवंबर को अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में रिपब्लिकन पार्टी की तरफ से डोनाल्ड ट्रंप जहां दूसरी बार किस्मत आजमा रहे हैं वहीं डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से जो बिडेन उन्हें कड़ी टक्कर दे रहे हैं। बिडेन के चुनाव प्रचार अभियान दल ने कहा, 'हमारा मानना है कि भारत और अमेरिका एक स्वाभाविक साझेदार हैं और सत्ता में आने पर भारत-अमेरिका के संबंधों को लगातार मजबूत बनाना हमारे प्रशासन की उच्च प्राथमिकता होगी।' 

अभियान दल ने कहा कि बिडेन और हैरिस प्रशासन में दक्षिण एशिया, सीमा पार या अन्य किसी तरह का आतंकवाद बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हमारा प्रशासन रक्षा और आतंकवाद विरोधी साझेदार के रूप में भारत की क्षमताओं को मजबूत करने के लिए काम करेगा। 


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