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गंभीर रूस से बीमार रोहन के लिए कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति के प्लाज्मा की तलाश

कोरोना पीडि़त इस परिवार के लिए टेक्सास राज्य अमेरिकी हिंदू समूह सेवा संगठन हर गैर चिकित्सकीय सहायता तो मुहैया करा ही रहा है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Wed, 01 Apr 2020 05:58 PM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2020 05:58 PM (IST)
गंभीर रूस से बीमार रोहन के लिए कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति के प्लाज्मा की तलाश
गंभीर रूस से बीमार रोहन के लिए कोरोना से ठीक हो चुके व्यक्ति के प्लाज्मा की तलाश

ह्यूस्टन, एएनआइ। भारतीय मूल के अमेरिकी रोहन बावडेकर कोविड-19 से पीडि़त हैं। उनको ह्यूस्टन के सेंट ल्यूक हॉस्पिटल में वेंटिलेटर पर रखा गया है। 42 वर्षीय रोहन अपने जीवन के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उनकी पत्नी मानसी और तीन छोटे बच्चे भी घर पर कोरोना से संक्रमित हो चुके हैं। कोरोना पीडि़त इस परिवार के लिए टेक्सास राज्य अमेरिकी हिंदू समूह 'सेवा' संगठन हर गैर चिकित्सकीय सहायता तो मुहैया करा ही रहा है, अब रोहन की जान बचाने के लिए कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक हो चुके व्यक्ति के प्लाज्मा की तलाश में है। ताकि इससे रोहन की जान बचाई जा सके।

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सेवा ह्यूस्टन चैप्टर के अध्यक्ष गीतेश देसाई ने बुधवार को बताया कि उनकी संस्था बावडेकर परिवार की सहायता करते हुए एक चमत्कार की उम्मीद कर रही है। उनकी संस्थान इस परिवार को भोजन, राशन, दवाइयां देने के साथ ही उन्हें इमोशनल सपोर्ट भी दे रही है। लेकिन इस वक्त उनकी पत्नी मानसी और उनकी संस्था के लिए सबसे मुश्किल लक्ष्य कोविड-19 के ऐसे मरीज को तलाशना है जो अब पूरी तरह से ठीक हो गया हो। चूंकि उस व्यक्ति के खून के प्लाज्मा को कोरोना वायरस से संक्रमित रोहन के शरीर में इंजेक्ट करके ही उनकी जान बचाई जा सकती है। गौरतलब है कि अमेरिका में कोरोना से संक्रमण के एक लाख अस्सी हजार मामले हैं और चार हजार से अधिक मौतें हो चुकी हैं।

प्लाज्मा से बेहद गंभीर मरीजों का इलाज 

अमेरिका में अब फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने डॉक्टरों को प्लाज्मा (पीला गाढ़ा द्रव जिसमें रक्त कोशिकाएं सुप्त पड़ी होती हैं) से कोरोना के बेहद गंभीर मरीजों को ठीक करने की अनुमति दे दी है। जो लोग कोरोना संक्रमण से ठीक हो जाते हैं, उनके शरीर में इस रोग से एंटीबॉडीज उत्पन्न हो जाते हैं, जो किसी कोरोना संक्रमित को ठीक करने में मददगार साबित हो सकते हैं। इलाज का यह तरीका 19वीं शताब्दी का है। डॉक्टरों ने पहले भी ठीक हो चुके मरीजों के खून के प्लाज्मा से 1918 का फ्लू, मीजिल्स, पोलियो, चिकन पॉक्स, सॉर्स और इबोला का इलाज किया है।

सोशल मीडिया की भी ली मदद 

रोहन का परिवार, मित्र और सेवा जैसे संगठन सोशल मीडिया के जरिये संभावित दानकर्ताओं की तलाश कर रहे हैं। कोरोना से ठीक हुआ व्यक्ति मिलने पर उसका संपर्क अस्पताल से कराया जाएगा। हरेक को यही उम्मीद है कि ऐसा डोनर मिलने पर नासिर्फ रोहन बल्कि ऐसे कई मरीजों को ठीक किया जा सकेगा। सेवा संगठन ने अमेरिका में अपनी 40 इकाइयों को पूरे समुदाय में ऐसा दानकर्ता तलाश करने को कहा है। उन्हें ऐसा दानकर्ता चाहिए जिसका खून भी रोहन के खून से मैच करता हो।


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