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अमेरिका ने आंबेडकर को दिया संसद में सम्मान, प्रतिनिधि सभा में सासंदों ने पेश किया प्रस्ताव

लगातार दूसरे साल अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में डा. आंबेडकर जयंती पर प्रस्ताव लाया गया है। उनको महान संविधान शिल्पी के रूप में याद किया गया। अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में भारत से संबंधित दूसरा प्रस्ताव बैसाखी पर्व पर लाया गया।

By Manish PandeyEdited By: Published: Thu, 15 Apr 2021 02:36 PM (IST)Updated: Thu, 15 Apr 2021 02:36 PM (IST)
अमेरिका ने आंबेडकर को दिया संसद में सम्मान, प्रतिनिधि सभा में सासंदों ने पेश किया प्रस्ताव
सांसद रो खन्ना ने कहा कि डा. आंबेडकर भारत और अमेरिका दोनों के लिए ही प्रेरणादायक हैं।

वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिका की संसद ने 130वीं जयंती पर डा. भीमराव आंबेडकर और बैसाखी पर्व दोनों के ही महत्व को स्वीकार करते हुए संसद में प्रस्ताव पेश किया। लगातार दूसरे साल अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में डा. आंबेडकर जयंती पर प्रस्ताव लाया गया है। उनको महान संविधान शिल्पी के रूप में याद किया गया।

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सांसद रो खन्ना ने प्रस्ताव पेश करने के बाद ट्वीट करते हुए कहा कि डा. आंबेडकर भारत और अमेरिका दोनों के लिए ही प्रेरणादायक हैं। मैं डा. आंबेडकर के महान कार्यो को याद करते हुए फिर एक बार प्रतिनिधि सभा में प्रस्ताव ला रहा हूं। डा. आंबेडकर के समानता, न्याय और स्वतंत्रता पर विचार सभी नागरिकों को समान अधिकार की शिक्षा देते हैं।

अमेरिका की प्रतिनिधि सभा में भारत से संबंधित दूसरा प्रस्ताव बैसाखी पर्व पर लाया गया। यह प्रस्ताव लाते हुए सासंद जॉन गैरामेंडी ने कहा कि बैसाखी का ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व है। यह सिखों के साथ ही हिंदुओं और बौद्ध समुदाय के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है।

कैलिफोर्निया के सांसद जॉन संसद में सिख कॉकस के उप-संयोजक भी है। उन्होंने कहा कि मैं उन सभी सदस्यों का हौसला अफजाई करना चाहूंगा, जो बैसाखी के महत्व को जानते हैं और उसको मनाने में भाग लेते हैं। अमेरिका में बैसाखी सिखों और हिंदुओं के द्वारा व्यापक स्तर पर मनाई जाती है। बड़े-बड़े जुलूस आयोजित किए जाते हैं।

डा. आंबेडकर हमारे प्रेरणास्त्रोत : जैसवाल

अमेरिका में डा. भीमराव आंबेडकर की 130 वीं जयंती पर भारत के महावाणिज्य दूत रंधीर जैसवाल ने न्यूयॉर्क में कहा कि डा. आंबेडकर सदैव सामाजिक सुधारक के तौर पर हमारे प्रेरणा स्त्रोत रहेंगे। यह आयोजन न्यूयॉर्क के श्री गुरु रविदास सभा ने आयोजित किया था।


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