भारत ने मृत्युदंड पर यूएन मसौदा प्रस्ताव के विरोध में किया मतदान
भारत ने इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया क्योंकि यह देश के संवैधानिक कानून के विरुद्ध है।
संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। भारत ने मृत्युदंड को लेकर संयुक्त राष्ट्र महासभा की ओर से लाए गए मसौदा प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया है। भारत ने कहा कि यह प्रस्ताव संवैधानिक कानून के खिलाफ है और देश में विरले मामलों में ही मौत की सजा सुनाई जाती है।
महासभा की तीसरी समिति (सामाजिक, मानवीय और सांस्कृतिक) की ओर से मंगलवार को पेश किए गए इस मसौदा प्रस्ताव के पक्ष में 123 और विरोध में 46 मत पड़े। 30 सदस्य देशों ने इस मतदान में हिस्सा नहीं लिया। भारत उन देशों में शामिल रहा जिन्होंने प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया। इस प्रस्ताव के जरिये महासभा सभी देशों से मौत की सजा का सामना कर रहे लोगों के अधिकारों की अंतरराष्ट्रीय मानकों के तहत सम्मान करने की अपील करेगी।
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पालोमी त्रिपाठी ने कहा, 'इस प्रस्ताव का लक्ष्य मौत की सजा में विलंब कराने के साथ ही इस सजा को खत्म करने का है। भारत ने इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान किया क्योंकि यह देश के संवैधानिक कानून के विरुद्ध है। भारत में मौत की सजा ऐसे दुर्लभतम मामलों में ही दी जाती है जिनमें अपराध इतना जघन्य होता है कि उससे समाज की अंतरात्मा तक दहल जाती है।'