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अमेरिका के सबसे करीबी सैन्य साझेदार के रूप में खड़ा है भारत- US सांसदों ने बताया अभूतपूर्व

भारत और अमेरिका के रक्षा और विदेश मंत्रियों की टू-प्लस-टू वार्ता दोनों देशों के बीच अभूतपूर्व संबंधों की शुरूआत है। इसे अमेरिकी सांसदों ने दोनों देशों के बीच अभूतपूर्व पहल बताया है। इस समझौते से भारत अमेरिका के सबसे करीब सैन्य साझेदार के रूप में खड़ा हो गया है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Thu, 29 Oct 2020 02:51 PM (IST)Updated: Thu, 29 Oct 2020 03:00 PM (IST)
अमेरिका के सबसे करीबी सैन्य साझेदार के रूप में खड़ा है भारत- US सांसदों ने बताया अभूतपूर्व
समझौतों को अमेरिकी सांसदों ने बताया अभूतपूर्व पहल।

वाशिंगटन, प्रेट्र। भारत और अमेरिका के रक्षा और विदेश मंत्रियों की टू-प्लस-टू वार्ता में हुए महत्वपूर्ण समझौतों को अमेरिकी सांसदों ने दोनों देशों के बीच अभूतपूर्व पहल बताया है। विदेशी मामलों की समिति के रिपब्लिकन नेता माइकल टी मेक्काल सहित कुछ सांसदों ने कहा है कि दोनों देशों के बीच बेसिक एक्सचेंज एंड कोऑपरेशन एग्रीमेंट ऑन जिओस्पैशिअल कोऑपरेशन (बीका) समझौता भारत और अमेरिका के संबंध में एक नया आयाम जोड़ेगा।

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इस समझौते से भारत अमेरिका के सबसे करीब सैन्य साझेदार के रूप में खड़ा हो गया है। दोनों देशों के बीच हुए अन्य समझौते परमाणु ऊर्जा, पृथ्वी विज्ञान और आयुर्वेद के क्षेत्र में आपसी सहयोग को बढ़ावा देंगे। इन समझौतों के जरिये दोनों देशों की पार्टनरशिप वैश्विक रणनीति को नया आयाम देगी। अमेरिका भारत के साथ हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थायी शांति स्थापित करेगा। इस क्षेत्र में चीन की बढ़ती सैन्य शक्ति पर अंकुश लग सकेगा।

भारत-अमेरिका की नजदीकियों से चीन की उड़ी नींद !

अमेरिका ने हर हालात में भारत के साथ खड़े रहने की बात की है। इस अमेरिकी ऐलान से चीन की नींद उड़ी हुई है। सूत्रों का कहना है कि  भारत और अमेरिका साथ-साथ समूचे दक्षिण एशिया में साझा पहल करेंगे। भारत, अमेरिका की इस सक्रियता से चीन सरकार सजग हो गई है। यही वजह है कि चीन ने बेहद आक्रामक प्रतिक्रिया देनी शुरू कर दी है। मंगलवार को  भारत और अमेरिका के बीच हुई टू-प्लस-टू वार्ता में चीन को लेकर दिए गए परोक्ष इशारे पर बुधवार को नई दिल्ली स्थित दूतावास के साथ साथ विदेश मंत्रालय ने तल्ख प्रतिक्रिया जारी की।

चीन ने इन दोनों बयानों के जरिए अमेरिका को परोक्ष तौर पर चेतावनी दी है कि वह भारत और चीन के द्विपक्षीय मुद्दों में दखलअंदाजी ना करे। चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका इस क्षेत्र में शीतयुद्ध वाली मानसिकता के साथ काम कर रहा है। हिंद-प्रशांत रणनीति के साथ अमेरिका अपना दबदबा बनाने की कोशिश कर रहा है।


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