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संयुक्त राष्ट्र में भारत का पाक पर निशाना, कहा- सरकार समर्थित आतंकवाद से अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ता है भेदभाव

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति (UN Ambassador TS Tirumurti) ने पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि किसी खास समुदाय को निशाना बनाकर सरकार प्रायोजित आतंकवाद से अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव बढ़ता है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 19 Feb 2021 08:35 PM (IST)Updated: Fri, 19 Feb 2021 11:30 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र में भारत का पाक पर निशाना, कहा- सरकार समर्थित आतंकवाद से अल्पसंख्यकों के खिलाफ बढ़ता है भेदभाव
भारत ने संयुक्‍त राष्‍ट्र में पाकिस्तान पर जमकर हमला बोला...

संयुक्त राष्ट्र, पीटीआइ। भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्‍तान पर करारा हमला बोला है। भारत ने पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए कहा कि किसी खास समुदाय को निशाना बनाकर सरकार प्रायोजित आतंकवाद (State sponsored terrorism) से अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव बढ़ता है। इतना ही नहीं वे हाशिये पर जाने के लिए मजबूर हो जाते हैं। भारत ने संयुक्त राष्ट्र (United Nations) के सदस्य देशों और एजेंसियों से किसी भी आधार पर आतंकवाद को उचित नहीं ठहराने का आह्वान किया है।

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आतंकवाद समाज में भेदभाव की बड़ी वजह

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने कहा, आतंकवाद का कहर हमारे समाज में भेदभाव का बड़ा कारण बना है। सरकार प्रायोजित आतंकवाद का कहर हमारे समाज में भेदभाव का बड़ा कारण बना है। राज्य प्रायोजित आतंकवाद से खास समुदाय को निशाना बनाने पर अल्पसंख्यकों के खिलाफ भेदभाव बढ़ता है और वे समाज में हाशिये पर जाने को मजबूर होते हैं।'

आतंकवाद को उचित ना ठहराया जाए

नस्लवाद किसी धर्म के खिलाफ नफरत की भावना और भेदभाव खत्म करने के लिए आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए तिरुमूर्ति ने यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा कि भारत सभी देशों से ऐसे आतंकी कृत्यों पर लगाम लगाने का आह्वान करता है। भारत सदस्य राष्ट्रों तथा संयुक्त राष्ट्र की एजेंसियों से भी किसी भी आधार पर आतंकवाद को उचित ठहराने का मौका नहीं देने का आह्वान करता है।

इंटरनेट नस्ली भेदभाव का नया माध्‍यम बना

तिरुमूर्ति ने कहा कि आज के समय सारी दुनिया आपस में जुड़ी हैं और नया मीडिया खासकर इंटरनेट मीडिया नस्ली घृणा और भेदभाव वाली विचारधारा के प्रसार का नया माध्यम बना है। उन्होंने कहा कहा कि सामाजिक सद्भाव सुनिश्चित करने के लिए हमें पूरी शक्ति से इन समस्याओं से निपटने की जरूरत है।

नस्लवाद के खिलाफ चलाया जाए अभियान

तिरुमूर्ति ने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी है कि सीमित स्थान पर नस्लवाद और भेदभाव को रोकने के लिए अभियान ना चलाया जाए बल्कि जो भी इससे प्रभावित हैं, उनके समाधान के लिए काम करना चाहिए। उधर, भारत ने यमन में दशकों से चले आ रहे संघर्ष पर निराशा जताई है। यूएन में भारत के स्थाई प्रतिनिधि टीएस तिरुमूर्ति ने जोर देकर कहा कि शांतिपूर्ण समझौता ही एकमात्र रास्ता है।

कश्मीर पर टिप्पणी को लेकर भारत ने जताई नाराजगी

भारत ने संयुक्त राष्ट्र के दो विशेषज्ञों द्वारा कश्मीर को लेकर की गई टिप्पणी पर नाराजगी व्यक्त की है। भारत ने कहा कि अधिकारियों ने टिप्पणी करते वक्त तटस्थ नहीं रहे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और संसद में कानून के जरिये उसमें परिवर्तन किया गया है।


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