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अमेरिकी सांसदों के सामने भारतीय दल ने एक बार फिर पाक के दुष्प्रचार को किया नाकाम

पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और उसे केंद्रशासित प्रदेश बनाने से वहां के हालात में सुधार आया है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 18 Oct 2019 12:06 AM (IST)Updated: Fri, 18 Oct 2019 07:03 AM (IST)
अमेरिकी सांसदों के सामने भारतीय दल ने एक बार फिर पाक के दुष्प्रचार को किया नाकाम
अमेरिकी सांसदों के सामने भारतीय दल ने एक बार फिर पाक के दुष्प्रचार को किया नाकाम

वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने बुधवार को अमेरिकी सांसदों से मुलाकात कर उन्हें जम्मू-कश्मीर की ताजा स्थिति से अवगत कराया। भारतीय राजदूत ने केंद्रशासित प्रदेश में शांति कायम करने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की भी जानकारी अमेरिकी सांसदों को दी। पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने और उसे केंद्रशासित प्रदेश बनाने से वहां के हालात में सुधार आया है। शांति स्थापित करने की कोशिश के तहत प्रदेश में कुछ बंदिशें लगाई गई थीं जिनमें ज्यादातर को अब हटाया जा चुका है।

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अमेरिकी संसद की उच्च अधिकार प्राप्त विदेशी मामलों की समिति के सदस्यों से मिलकर भारतीय राजनयिकों ने जम्मू-कश्मीर के बारे में जानकारी दी। उल्लेखनीय है कि पाकिस्तानी दुष्प्रचार से प्रभावित होकर कुछ अमेरिकी सांसदों ने पूर्व में जम्मू-कश्मीर में लागू बंदिशों पर सवाल उठाए थे। इसी के चलते भारत की ओर से बंदिशें लगाने के उद्देश्य और उन्हें हटाने के बारे में अमेरिकी सांसदों को जानकारी दी गई है। भारतीय राजनयिकों ने बताया कि 16 अगस्त से जम्मू-कश्मीर के हालात की समीक्षा कर बंदिशों को हटाया जाना शुरू हो गया था और सितंबर के प्रथम सप्ताह तक ज्यादातर बंदिशें हटाई जा चुकी हैं। 14 अक्टूबर को केंद्रशासित प्रदेश से पोस्ट पेड मोबाइल सेवा पर लगी रोक भी हटाई जा चुकी है। इस सेवा के कश्मीर में 40 लाख उपभोक्ता हैं।

विदेश मामलों की समिति के इतर भी कई सांसद जम्मू-कश्मीर पर भारतीय राजदूत के वक्तव्य को सुनने के लिए मौजूद थे। इन सांसदों में ज्यादातर विपक्षी डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद थे। इनमें भारतीय मूल के सांसद अमी बेरा भी शामिल थे। उल्लेखनीय है कि राजदूत श्रृंगला और न्यूयॉर्क, शिकागो, अटलांटा, ह्यूस्टन व सैन फ्रांसिस्को स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावासों के अधिकारियों ने हाल के दिनों में सैकड़ों सांसदों व प्रमुख लोगों से मिलकर उन्हें जम्मू-कश्मीर की स्थिति से अवगत कराया है।

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