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UN में पाकिस्तान को दो-टूक ; सामान्य संबंध चाहता है भारत, अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी पड़ोसी देश की

भारत ने कहा है कि वह पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ सामान्य संबंध चाहता है। साथ में यह भी कहा कि इसके लिए अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है। उसे अपने क्षेत्र का भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं होने देना चाहिए।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 12 Jun 2021 11:55 AM (IST)Updated: Sat, 12 Jun 2021 11:55 AM (IST)
UN में पाकिस्तान को दो-टूक ; सामान्य संबंध चाहता है भारत, अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी पड़ोसी देश की
भारत ने कहा है कि वह पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ सामान्य संबंध चाहता है।

संयुक्त राष्ट्र, पीटीआइ। भारत ने कहा है कि वह पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ सामान्य संबंध चाहता है। साथ में यह भी कहा कि इसके लिए अनुकूल माहौल बनाने की जिम्मेदारी इस्लामाबाद की है। उसे अपने क्षेत्र का किसी भी तरीके से भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं होने देना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन में काउंसलर आर मधुसूधन ने शुक्रवार को यह बात '2020 के लिए सुरक्षा परिषद की रिपोर्ट' पर संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कही।

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मधुसूधन ने आगे कहा, 'भारत, पाकिस्तान सहित सभी पड़ोसी देशों के साथ सामान्य संबंध चाहता है। हम इस बात पर कायम हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी मुद्दे को आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा से मुक्त माहौल में द्विपक्षीय और शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए। इस तरह के अनुकूल माहौल बनाने के लिए पाकिस्तान पर है। उसे अपने क्षेत्र का किसी भी तरीके से भारत के खिलाफ सीमापार आतंकवाद के लिए इस्तेमाल नहीं होने देना चाहिए। इसके लिए उसे विश्वसनीय और पुष्ट कदम उठाने चाहिए।'

इससे पहले बोलते हुए, संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के स्थायी प्रतिनिधि मुनीर अकरम ने अपनी टिप्पणी के दौरान जम्मू-कश्मीर का मुद्दा उठाया। जवाब देते हुए सूधन ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पाकिस्तान लगातार ऐसी हरकतें करता है, जो इस मंच के लिहाज से शोभा नहीं देती। अब स्पष्ट हो गया है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को यह प्रतिनिधिमंडल मूर्ख नहीं बना पाएगा।

सूधन ने आगे कहा कि पाकिस्तान ने यूएनजीए मंच का फायदा उठाने की कोशिश की और एक बार फिर मेरे देश के आंतरिक मामलों को उठाया। उन्होंने जोर देकर कहा कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर भारत की संसद द्वारा लिया गया निर्णय उसका आंतरिक मामला है। भारत ने 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को हटा दिया था और जम्मू- कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया था।


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