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भारत ने खोरी गांव पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदकों के बयान की निंदा की

प्रतिवेदकों ने अरावली वन क्षेत्र से अतिक्रमण हटाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भी जताई थी चिंता। भारत ने कहा कि विशेष प्रतिवेदकों को किसी भी लोकतांत्रिक समाज में कानून के शासन को कमजोर करने से बचना चाहिए।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Sun, 18 Jul 2021 08:00 AM (IST)Updated: Sun, 18 Jul 2021 08:00 AM (IST)
भारत ने खोरी गांव पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदकों के बयान की निंदा की
भारत ने संयुक्त राष्ट्र में जताई अपनी चिंता।(फोटो: दैनिक जागरण)

संयुक्त राष्ट्र, प्रेट्र। भारत ने फरीदाबाद के खोरी गांव और उसको लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर संयुक्त राष्ट्र के विशेष प्रतिवेदकों के बयान दुर्भाग्यपूर्ण और पद का दुरुपयोग करार दिया है। प्रतिवेदकों ने खोरी गांव से एक लाख लोगों बाहर करने की कार्रवाई को रोकने को कहा था। भारत ने कहा कि विशेष प्रतिवेदकों को किसी भी लोकतांत्रिक समाज में कानून के शासन को कमजोर करने से बचना चाहिए। जेनेवा में भारत के स्थायी दूतावास और अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने एक बयान में कहा कि उसे संयुक्त बयान भेजने के दो दिन बाद ही इन प्रतिवेदकों द्वारा प्रेस रिलीज जारी करना दुर्भाग्यपूर्ण है। दूतावास ने कहा कि भारत के माननीय सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ प्रतिवेदकों की टिप्पणी भी बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

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भारत का यह बयान संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार विशेषज्ञों की उस अपील के बाद आया है, जिसमें उन्होंने खोरी गांव से लोगों को नहीं निकालने को कहा था। साथ ही सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बेहद चिंताजनक बताया था। बता दें कि पिछले महीने सुप्रीम कोर्ट ने अरावली वन क्षेत्र में खोरी गांव के पास से 10 हजार घरों को हटाने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि जमीन हथियाने वाले कानून की आड़ नहीं ले सकते और न ही निष्पक्षता की बात कर सकते हैं।


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