ट्रपं के कार्यकाल में और मधुर हुए वाशिंगटन-नई दिल्ली के रिश्ते, याद आया बुश का काल
सीएफआर में कहा गया है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश द्वारा शुरू किए गए भारत-अमेरिकी संबंधों की सफलता की कहानी को ट्रंप प्रशासन ने भी आगे बढ़ाया है।
वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिकी थिंक टैंक की हालिया रिपोर्ट में भारत-अमेरिका के बीच दोस्ताना संबंधों पर प्रकाश डाला गया है। इसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की दक्षिण एशियाई कूटनीति को काफी सराहा गया है। खासकर इस रिपोर्ट में ट्रंप की रणनीति और उनके तरीकों की सराहना की गई है। काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (सीएफआर) में कहा गया है कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश द्वारा शुरू किए गए भारत-अमेरिकी संबंधों की सफलता की कहानी को ट्रंप प्रशासन ने भी आगे बढ़ाया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि जब भी नई दिल्ली के साथ अमेरिकी संबंधों की बात आती है तो राष्ट्रपति ट्रंप भारत को एक उच्च ग्रेड प्रदान करते हैं।
भारत में पूर्व अमेरिकी राजदूत रॉबर्ड ब्लैकविल ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि ट्रंप प्रशासन ने दक्षिण एशिया में भारत को अपनी क्षेत्रीय रणनीति का प्रमुख हिस्सा बनाया है। मई, 2018 में अमेरिका ने पैसिफिक कमांड का नाम बदलकर यूएस-इंडो पैसिफिक कमांड करने के बाद अमेरिका अब भारतीय सेना के साथ अपनी पहली त्रिकोणीय सेवा की योजना बना रहा है।
उन्नत हथियार प्रणालियों की आपूर्ति, नाटो देशों के साथ भारत के बदलते दृष्टिकोण और सामरिक क्षेत्र में रणनीतिक प्रौद्योगिकी का सहयोग सभी वाशिंगटन और नई दिल्ली को निकट लाते हैं। यह सभी राष्ट्रपति ट्रंप का भारत के प्रति झुकाव को भी दर्शाता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही भारत ट्रंप प्रशासन के इंडो पैसिफिक रणनीति का समर्थन नहीं करता हो, वह इस क्षेत्र में 'फ्री और ओपेन' सिद्धांत का अनुसरण करता है, लेकिन उसने अमेरिका की इंडो पैसिफिक क्षेत्र की रणनीति और दृष्टिकोण की सराहना की है। जापान के प्रधानमंत्री शिंबे अबे के साथ भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसके दृष्टिकोण की सराहना की है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि नई दिल्ली ने वाशिंगटन के सैन्य अभियानों का कभी चुपचाप और कभी खुलकर समर्थन किया है। भारत अब अमेरिका के साथ महत्वपूर्ण तरीके से सहयोग करना शुरू कर दिया है। ब्लैकविल का तर्क है कि भले ही ट्रंप की विदेश नीति के कई कार्य अराजक और दुविधाजनक स्थिति उत्पन्न करते हों, लेकिन भारत के साथ संबंधों को लेकर उनको पूरा क्रेडिट जाता है।