उत्तरोत्तर आगे बढ़ते रहेंगे भारत और अमेरिका के रिश्ते
ट्रंप प्रशासन का ध्यान अब पाकिस्तान पर अपनी सरजमीं से संचालित होने वाले आतंकवादी समूहों के खिलाफ निरंतर और अपरिवर्तनीय कार्रवाई के लिए दबाव डालने पर केंद्रित है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। नई दिल्ली और वाशिंगटन के रणनीतिक हित 'व्यापक तौर पर जुड़े हुए, संरचनात्मक और गहरे' हैं। साथ ही ये उत्तरोत्तर आगे बढ़ते रहेंगे। विदेश सचिव विजय गोखले का तीन दिनी अमेरिकी दौरा सफलतापूर्वक संपन्न होने पर एक अमेरिकी अधिकारी ने यह टिप्पणी की।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि गोखले ने अपनी तीन दिवसीय यात्रा का शुभारंभ अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियों के साथ बातचीत से किया। जबकि अपनी यात्रा का समापन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन के साथ वार्ता कर किया। अधिकारी ने कहा कि गोखले की यह यात्रा हमारे संबंधों में रणनीतिक परिवर्तन को दर्शाती है। गोखले पुलवामा हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में बढ़े तनाव के बीच अमेरिकी यात्रा पर आए थे।
अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि हिंद-प्रशांत मुद्दे, आतंकवाद का सामना करने की आवश्यकता पर जोर देना और बढ़ते अमेरिका-भारत रक्षा संबंधों के आवश्यक महत्व पर दोनों देशों का एक ही रुख है। गोखले के दौरे के दौरान भारत और अमेरिका द्विपक्षीय असैन्य परमाणु ऊर्जा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत में छह अमेरिकी परमाणु संयंत्र बनाने पर सहमत हुए हैं।
'आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अमेरिका ने पाक पर दबाव डाला'
ट्रंप प्रशासन का ध्यान अब पाकिस्तान पर अपनी सरजमीं से संचालित होने वाले आतंकवादी समूहों के खिलाफ निरंतर और अपरिवर्तनीय कार्रवाई के लिए दबाव डालने पर केंद्रित है। इसके लिए वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर काम कर रहा है। यह टिप्पणी एक वरिष्ठ अमेरिकी राजनयिक ने की। विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिका पुलवामा हमले के बाद से भारत के साथ संकल्पपूर्वक खड़ा रहा है।