सलमान रुश्दी की हालत में हो रहा सुधार, हैरिस ने कहा- समाज में हिंसा और घृणा के लिए नहीं है कोई स्थान
उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि लोगों को बिना भय के अपने विचारों को साझा करने के लिए तैयार रहना चाहिए। समाज में हिंसा और घृणा के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। हैरिस ने यह बात लेखक सलमान रुश्दी पर हुए हमले के परिप्रेक्ष्य में कही है।
न्यूयार्क, एजेंसी। सिरफिरे युवक के हमले में घायल भारतीय मूल के लेखक सलमान रुश्दी की दशा में सुधार हो रहा है। पेनसिल्वेनिया के अस्पताल में आपरेशन के बाद उनके घाव तेजी से भर रहे हैं, वह बेहतर महसूस कर रहे हैं। बीते 24 घंटों में देखभाल में लगे लोगों से उन्होंने थोड़ी बात भी की है। विनोदी स्वभाव के चलते हमले को लेकर कुछ जुमले भी बोले हैं। रुश्दी के बेटे जफर ने इसकी पुष्टि की है। यह जानकारी समाचार एजेंसी रायटर ने दी।
शुक्रवार को रुश्दी पर चाकू से हमला करने वाले युवक हादी मतर को कोर्ट ने जेल भेज दिया है। उसके पिता ने आपराधिक कृत्य पर विरोध जताया है। कहा है कि हादी को सजा से बचाने के लिए वह कुछ नहीं करेंगे। इस बीच अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस ने कहा कि लोगों को बिना भय के अपने विचारों को साझा करने के लिए तैयार रहना चाहिए। समाज में हिंसा और घृणा के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए। हैरिस ने यह बात लेखक सलमान रुश्दी पर हुए हमले के परिप्रेक्ष्य में कही है। जबकि न्यूयार्क की मेयर कैथी होचल ने कहा, चाकू लेकर कोई व्यक्ति किसी पेन वाले व्यक्ति को चुप नहीं करा सकता। न्यूयार्क हमेशा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के साथ खड़ा है और वह सलमान रुश्दी पर कायराना हमले की निंदा करता है।
रुश्दी पर हमले से ईरान का लेना-देना नहीं
ईरान ने रुश्दी पर हमले के मामले में खुद पर आरोप न लगाने के लिए कहा है। कहा है कि लेखक पर हमले से ईरान का कोई लेना-देना नहीं है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर किसी धर्म का अपमान नहीं किया जा सकता। रुश्दी ने वही कार्य किया। उन्होंने मुस्लिमों द्वारा खींची गई रेडलाइन को पार किया। इसी का उन्हें खामियाजा उठाना पड़ा। रुश्दी पर हमले के संबंध में ईरान की यह पहली आधिकारिक प्रतिक्रिया है। विदित हो कि उपन्यास द सैटेनिक वर्सेस प्रकाशित होने के बाद 1989 में ईरान के तत्कालीन सर्वोच्च नेता अयातुल्ला खुमैनी ने रुश्दी की हत्या के लिए फतवा जारी किया था।