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अफगान मूल के लोगों का व्हाइट हाउस पर प्रदर्शन, काबुल के हालात के लिए राष्ट्रपति बाइडन को ठहराया जिम्मेदार

अमेरिका के व्हाइट हाउस (White House) के बाहर अफगानी लोगों ने प्रदर्शन किया। इस दौरान बाइडन ने अफगानिस्तान को धोखा दिया के नारे भी लगाए गए। ये प्रदर्शन तब हुए हैं जब तालिबान को काबुल स्थित राष्ट्रपति भवन सौंप दिया गया।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Mon, 16 Aug 2021 03:10 PM (IST)Updated: Mon, 16 Aug 2021 03:10 PM (IST)
अफगान मूल के लोगों का व्हाइट हाउस पर प्रदर्शन, काबुल के हालात के लिए राष्ट्रपति बाइडन को ठहराया जिम्मेदार
व्हाइट हाउस के बाहर प्रदर्शन करते अफगान लोग।(फोटो: रायटर)

वाशिंगटन, एएनआइ। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन पर अफगानिस्तान की जनता के साथ धोखा करने और पाकिस्तान के खिलाफ प्रतिबंध लगाने की मांग को लेकर व्हाइट हाउस पर प्रदर्शन किया गया। सैकड़ों अफगान मूल के लोगों ने इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों में सबसे ज्यादा नाराजगी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की नीतियों को लेकर थी। यह प्रदर्शन अफगानिस्तान से राष्ट्रपति अशरफ गनी के भाग जाने और सरकारी अधिकारियों के द्वारा तालिबान को राष्ट्रपति पैलेस सौंपे जाने के बाद किया गया।

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यहां प्रदर्शन करने वाले फरजाना हाफिज ने बताया कि अफगानिस्तान में महिलाओं की आजादी पर फिर ताले लगा दिए गए। मेरा परिवार वहां है, मैं रात में सो भी नहीं पा रहा हूं। प्रदर्शन में शामिल लोगों का कहना था कि वह पश्चिमी देशों की ताकत पर बहुत भरोसा करते थे। प्रवासी अब इस उम्मीद के साथ जी रहे हैं कि अमेरिका एक दिन आतंकवाद प्रायोजित करने वाले पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करेगा। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पाकिस्तान तालिबान को संरक्षण देता है और इस बात को पूरी दुनिया को अब समझना होगा।

व्हाइट हाउस के शीर्ष सलाहकारों के बीच इस बात को लेकर चर्चा चल रही है कि राष्ट्रपति बाइडन को अफगानिस्तान में गहरे संकट को कैसे संबोधित करना चाहिए। अधिकारियों ने इसकी जानकारी दी है. मगर इस बारे में अभी तक कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है कि क्या राष्ट्रपति कैंप डेविड में अपनी नियोजित अगस्त की छुट्टी के बाद वाशिंगटन लौटेंगे या नहीं। राष्ट्रपति जो बाइडन ने रविवार को अफगानिस्तान में तैनाती के लिए अतिरिक्त 1,000 अमेरिकी सैनिकों को तैनात करने का फैसला लिया। इस तरह सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए लगभग 6,000 सैनिकों की तैनाती हो चुकी है।

विरोध प्रदर्शन में एकत्र हुए कई लोगों ने कहा कि वे पश्चिमी ताकतों की सफलता पर भरोसा करते हैं और इस उम्मीद के साथ जी रहे हैं कि एक दिन अमेरिका पाकिस्तान के खिलाफ उसके कथित दोहरेपन और छद्म युद्ध के लिए कार्रवाई करेगा। प्रवासी एकजुट हुए और उन्होंने अफगानिस्तान में कथित पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की निंदा की।


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