ग्रीन हाउस गैसें बढ़ा रहीं पृथ्वी का तापमान, 21वीं सदी के अंत तक खतरनाक स्थिति पर पहुंचने की आशंका
शोधकर्ताओं ने बताया कि गर्मी के मौसम में चलने वाली लू से पहले से ही जानवरों की सामूहिक मृत्यु होती रही है।
लासएंजिलिस, प्रेट्र। वैज्ञानिकों ने चेताया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण न केवल विश्व का औसत तापमान बढ़ा है, बल्कि गर्मी के मौसम में चलने वाली लू की तपन में भी बहुत बढ़ोतरी हुई है जो लोगों और वन्यजीवों को नुकसान पहुंचा रही है। अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर जोनाथन स्टिलमैन ने बताया कि पृथ्वी पर गर्मियों का मौसम जीवन के लिए घातक बन रहा है। शोधकर्ताओं ने बताया कि गर्मी के मौसम में चलने वाली लू से पहले से ही जानवरों की सामूहिक मृत्यु होती रही है। ग्रेट बैरियर रीफ में प्रवालों से लेकर आस्ट्रेलिया में घोड़ों के मरने की खबरें आती रही हैं।
लू की वजह से लोगों को मुख्यत: हीटस्ट्रोक का खतरा झेलना पड़ता है। वयस्कों को इससे ज्यादा सावधान रहने की जरूरत होती है। उदाहरण के तौर पर यूरोप में 2003 में लू की वजह से 70 हजार लोग मारे गए। भविष्य में मनुष्यों और जीवों पर लू का प्रभाव जानने के लिए स्टिलमैन ने इस विषय पर 140 से अधिक अध्ययनों की जानकारी इकट्ठा की है।
खतरनाक गैसें बढ़ा रहीं तापमान
शोधकर्ताओं ने बताया कि कार्बन डाइआक्साइड और अन्य ग्रीनहाउस गैसें वातावरण में गर्मी को इकट्ठा कर रही हैं और पृथ्वी का तापमान बढ़ा रही हैं। हम जिन लू के थपेड़ों के आदी होते हैं वह अब और खतरनाक होते जा रहे हैं। शोधकर्ताओं ने चेताया कि जिस तापमान पर 2003 में यूरोप में इतनी मौतें हुईं थीं उसका चार गुना तापमान 21वीं सदी के अंत तक पहुंच जाएगा। बताया कि इन लू के थपेड़ों का सामना करने के लिए कुछ तरीके हैं, लेकिन यह सभी के लिए या हर प्रजाति के लिए नहीं उपलब्ध होंगे। चिंता जताई की अगर भविष्य में स्थितियां और खराब हुईं तो ठंडे प्रदेशों की ओर पलायन शुरु हो जाएगा। जिससे नए विवाद उत्पन्न होंगे।