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ट्रंप की मेजबानी के बीच इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के बीच ऐतिहासिक शांति समझौता

शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू ने कहा है कि रिश्ते सामान्य करने वाले समझौते से अरब-इजरायल विवाद हमेशा के लिए समाप्त हो गया है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Wed, 16 Sep 2020 01:51 PM (IST)Updated: Wed, 16 Sep 2020 08:47 PM (IST)
ट्रंप की मेजबानी के बीच इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के बीच ऐतिहासिक शांति समझौता
ट्रंप की मेजबानी के बीच इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के बीच ऐतिहासिक शांति समझौता

नई दिल्ली, एपी/एएफपी। एक लंबे समय के बाद अरब-इजरायल विवाद मंगलवार को समाप्त हो गया। इस ऐतिहासिक समझौते के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से व्हाइट हाउस में भव्य समारोह का आयोजन किया गया, इसकी मेजबानी भी खुद ट्रंप ने की।

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तीनों देशों के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर करने के लिए इजरायल के प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू, यूएई की तरफ से विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद और बहरीन की ओर से विदेश मंत्री अब्दुल लतीफ अल जयानी शामिल हुए। इन देशों के अलावा कुछ और अहम लोग भी इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने। ट्रंप ने इस समझौते के लिए कुछ डेमोक्रैट्स को भी आमंत्रित किया था जिन्होंने इस समझौते का चुपचाप समर्थन किया था। मिस्र, जॉर्डन के बाद यूएई और बहरीन ऐसे अरब देश हैं जिन्होंने इजरायल को मान्यता दी है।

साथ ही ऐतिहासिक पल का गवाह बनने के लिए विशेष 700 लोगों को भी बुलाया गया। व्हाइट हाउस में ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर करने के बाद इजरायल के प्रधानमंत्री बेन्जामिन नेतन्याहू ने कहा है कि रिश्ते सामान्य करने वाले समझौते से अरब-इजरायल विवाद हमेशा के लिए समाप्त हो गया। ट्रंप ने समझौते पर हस्ताक्षर समारोह के दौरान कहा कि यह मिडिल ईस्ट (मध्य पूर्व) इलाके के देशों के लिए नए सवेरे जैसा है। 

समझौते के बाद नए मिडिल ईस्ट की शुरूआत

उन्होंने कहा कि दशकों के विभाजन और संघर्ष के बाद हमने एक नए मिडिल ईस्ट की शुरुआत की है। इजरायल, संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के लोगों को बधाई। कोरोना वायरस महामारी के बावजूद ऐसे मौके पर काफी भीड़ थी। भीड़ को संबोधित करते हुए नेतन्याहू ने कहा कि आज का दिन इतिहास में दर्ज हो गया है। अब इन तीनों देशों के बीच एक नए संबंध की शुरूआत होगी। तीनों देश अपने इलाके और अपने यहां रहने वाले लाखों नागरिकों की तरक्की के लिए मिलकर काम करेंगे। यह समझौता शांति की नई सुबह लेकर आएगा। साथ ही ये भी उम्मीद जताई कि आगे अन्य अरब देश भी इसमें शामिल होंगे।

यूएई के विदेश मंत्री अब्दुल्ला बिन जायद ने नेतन्याहू का शांति के चुनाव और फिलिस्तीन क्षेत्र को शामिल करने के कार्यक्रम को रोकने पर शुक्रिया अदा किया। जब व्हाइट हाउस में समझौते पर हस्ताक्षर किए जा रहे थे उसी दौरान हमास के नियंत्रण वाले गाजा पट्टी से दक्षिण इजरायल में दो दर्जन रॉकेट दागे गए। इसके बाद बुधवार की सुबह इजरायल ने गाजा पर जवाबी हवाई हमले किए।  

डोनाल्ड ट्रंप के दामाद और सलाहकार जैरेड कुशनर ने वार्ता का नेतृत्व किया है, उन्होंने कहा कि समझौते में शामिल देशों के लिए यह एक बड़ी उपलब्धि है, इसने क्षेत्र में आशा की एक किरण पैदा की है। अतीत के संघर्षों को भूलाकर हमें गतिशील भविष्य पर ध्यान केंद्रित करने की जरूरत है। उन्होंने लोगों से अतीत से निकलकर आगे बढ़ने की अपील की।

फिलिस्तीन ने जताई नाराजगी

फिलिस्तीन के अधिकारियों ने इस समझौते पर अपनी नाराजगी जाहिर की है, उन्होंने इस समझौते को अस्वीकार किया है। कहा है कि अरब के साथियों ने पीठ पर खंजर घोंपने का काम किया है। फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने एक बयान में कहा कि समझौते से क्षेत्र में शांति बहाली नहीं होगी। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता तब तक हासिल नहीं होगी जब तक कि इजरायल का कब्जा खत्म नहीं हो जाता।  


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