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एआइ के जरिये खानपान, आदत, व्यायाम और दवा पर निगाह रखने में मिल रही मदद

खानपान आदत व्यायाम और दवा पर निगाह रखने में मिल रही मदद एआइ के जरिये टेक्नोलॉजी जांच और इलाज से एक कदम आगे जाकर भी साबित हो रही है मददगार

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 09:51 AM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 09:51 AM (IST)
एआइ के जरिये खानपान, आदत, व्यायाम और दवा पर निगाह रखने में मिल रही मदद
एआइ के जरिये खानपान, आदत, व्यायाम और दवा पर निगाह रखने में मिल रही मदद

द न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन। टेक्नोलॉजी के विस्तार से लाभान्वित होने वाले क्षेत्रों में चिकित्सा एक अहम क्षेत्र है। आज की तारीख में जांच से लेकर इलाज तक हर जगह टेक्नोलॉजी मददगार हो रही है। अब आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) के जरिये टेक्नोलॉजी जांच और इलाज से एक कदम आगे जाकर भी मददगार साबित हो रही है। आज की तारीख में कई ऐसे एप और उपकरण तैयार किए जा रहे हैं, जो आपकी आदत, दवा की खुराक और दवा के असर पर भी नजर रखने में सक्षम हैं।

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एसेंचर की हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 79 फीसद मरीजों का मानना है कि सेहत पर निगरानी रखने में टेक्नोलॉजी उनके लिए मददगार साबित हुई है। 2013 में 46 साल की उम्र में टाइप-1 डायबिटीज से पीड़ित होने वाले जेफ डेचिस के सामने अपनी सेहत पर नजर रखना बड़ी चुनौती साबित हुई थी। बाद में उन्होंने एक सेंसर, ब्लूटूथ ग्लूकोज मीटर और एप की मदद से ‘वन ड्रॉप’ सिस्टम ईजाद किया। ‘वन ड्रॉप’ किसी मरीज के खानपान, ग्लूकोज के स्तर, व्यायाम और दवा पर नजर रखता है। यह मरीज को समय-समय पर अलर्ट भी करता रहता है। आज की तारीख में अमेरिका में 10 लाख से ज्यादा लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं। ‘वन ड्रॉप’ इस तरह का पहला या इकलौता सिस्टम नहीं है। आइटी विशेषज्ञ जेफ बेकर कहते हैं, ‘रोबोटिक्स, नैनोटेक्नोलॉजी, जेनेटिक इंजीनियरिंग और 3-डी प्रिंटिंग जैसी टेक्नोलॉजी ने चिकित्सा की दुनिया को बदलकर रख दिया है।’

सहूलियतें और भी हैं

वक्त पर दवा की याद दिलाने से कुछ कदम आगे बढ़ते हुए कंपनियां इस दिशा में भी काम करने लगी हैं कि दवा शरीर में पहुंचने के बाद खुद यह जानकारी दे कि उसने काम शुरू कर दिया है। इसके लिए नैनोटेक्नोलॉजी और बायोसेंसर की मदद ली जा रही है। इसके अलावा 3-डी प्रिंटिंग ने भी इस दुनिया को बदलने में भूमिका निभाई है। जोड़ और घुटनों के प्रत्यारोपण में 3-डी प्रिंटिंग का बड़ा योगदान देखने को मिल रहा है। 3-डी प्रिंटिंग ने कई कृत्रिम अंगों के निर्माण को आसान बनाया है।

दवा याद दिलाती टेक्नोलॉजी

विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुमान के मुताबिक, विकसित देशों में गंभीर बीमारियों के शिकार 50 फीसद लोग समय पर दवा लेना भूल जाते हैं। कई बार दवा भूलना उनके लिए घातक साबित होता है। टेक्नोलॉजी ने इस भूल को सुधारने में मदद की है। आज की तारीख में कई एप हैं जो आपको याद दिला सकते हैं कि दवा लेने का समय हो गया है। एप में आप दवा का नाम और समय दर्ज कर सकते हैं। हर रोज उस वक्त पर एप आपको अलर्ट कर देता है। अमेरिका जैसे विकसित देशों में ‘स्मार्ट पिल बोतल’ भी मददगार हो रही है। इसमें दवा को क्रम में रख दिया जाता है। जैसे ही नियत समय पर उसमें से दवा नहीं निकाली जाती, बोतल खुद आपको अलर्ट कर देती है।


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