गुतेरस ने कहा- कोरोना की लड़ाई के दौरान डब्ल्यूएचओ की सहायता रोकने का यह सही समय नहीं
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि वह डब्ल्यूएचओ की आर्थिक सहायता निलंबित करने के अमेरिका के फैसले से चिंतित है।
वाशिंगटन, आइएएनएस। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव अंतोनियो गुतेरस ने अपने अधीन आने वाली वैश्विक संस्था का बचाव कर अमेरिका के फैसले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा विश्व स्वास्थ्य संगठन की आर्थिक सहायता रोकने का यह सही समय नहीं है। उन्होने कहा कि कोरोना संक्रमण की वैश्विक महामारी से उबरने के बाद पीछे मुड़कर यह देखने की जरूरत होगी कितनी फैली और अचानक कैसे पूरी दुनिया में विनाश लेकर आई। तब हमें यह भी देखना होगा कि संकटकाल में किसने कैसा बर्ताव किया। यूरोपीय संघ ने भी इस फैसले की आलोचना की है। वहीं, चीन ने भी अमेरिका से डब्ल्यूएचओ की आर्थिक सहायता नहीं रोकने की अपील की है।
गुतेरस ने कहा- कोरोना की लड़ाई के दौरान डब्ल्यूएचओ की सहायता रोकने का यह सही समय नहीं
गुतेरस ने मंगलवार को अमेरिका के फंडिंग रोकने के फैसले पर एक बयान जारी करके कहा कि ऐसे फैसले लेना का अभी वक्त नहीं आया है। इस वायरस के खिलाफ लड़ाई के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन या अन्य किसी मानव जाति की सहायता में जुटे संगठन की आर्थिक मदद रोकना उचित नहीं है। इससे उनके सहायता अभियानों पर असर होगा। यह उनके अभियानों के संसाधन कम करने का समय नहीं है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव ने कहा, 'मेरा मानना है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन का समर्थन किया जाना चाहिए। चूंकि यह कोविड-19 के खिलाफ युद्ध में जीतने के प्रयासों में अहम भूमिका निभाता है।'
राष्ट्रपति ट्रंप के फैसले की यूरोपीय संघ ने की आलोचना
जबकि यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेप बोरेल ने 27 देशों के समूह की ओर से कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के पास विश्व स्वास्थ्य संगठन की फंडिंग रोकना का कोई कारण नहीं है। उन्होने कहा कि इस वैश्विक महामारी से निपटने में डब्ल्यूएचओ की जरूरत जितनी अभी है, उतनी पहले कभी नहीं थी। क्या सिर्फ सेना के बल पर हम इस संकट से निपट सकते हैं जिसके लिए देश की सीमाओं के कोई मायने नहीं हैं।
चीन ने की आर्थिक मदद बहाल करने की अपील
दूसरी ओर, चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने कहा कि वह डब्ल्यूएचओ की आर्थिक सहायता निलंबित करने के अमेरिका के फैसले से चिंतित है। साथ ही चीन ने अमेरिकी से कोरोना वायरस संकट के चलते इस वैश्विक संस्था की आर्थिक सहायता बहाल करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि इस समय वैश्विक महामारी की स्थिति बेहद गंभीर है। अमेरिका का यह फैसला डब्ल्यूएचओ की क्षमताओं को कम करेगा। इससे अंतरराष्ट्रीय सहयोग में भी रुकावट आएगी।
जर्मनी ने कहा-दूसरों को दोष देकर दूर नहीं होगा संकट
वहीं, बर्लिन में जर्मनी के विदेश मंत्री हीको मास ने डब्ल्यूएचओ की आर्थिक सहायता रोकने के अमेरिका के फैसले का विरोध किया है। उन्होने कहा कि कोरोना संकट के लिए उन्हें दूसरों को दोष देना बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दूसरों को दोष देकर इस गंभीर संकट में कोई मदद नहीं होगी। आपका बेहतरीन निवेश यही होगा कि आप संयुक्त राष्ट्र को मजबूत करें। डब्ल्यूएचओ में वित्तीय संकट होने पर परीक्षणों और वैक्सीनों को विकसित करने और उनके वितरण में समस्या आएगी।
ट्रंप ने रोकी डब्ल्यूएचओ को दी जाने वाली 50 करोड़ डॉलर की सालाना आर्थिक मदद
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी पहले दी गई चेतावनी पर अमल करते हुए विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को सालाना दी जाने वाली 50 करोड़ डॉलर (करीब 38,19,02,50,000 रुपये) की आर्थिक सहायता रोकने का एलान किया है। साथ ही चीन से फैली वैश्विक महामारी कोविड-19 को लेकर डब्ल्यूएचओ के गंभीर कुप्रबंधन और दुनिया से हकीकत छिपाने की भूमिका की समीक्षा भी हो रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने मंगलवार को व्हाइट हाउस में कोरोना पर अपनी नियमित प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि आज वह अपने प्रशासन को विश्व स्वास्थ्य संगठन की फंडिंग को बंद करने का निर्देश दे रहे हैं।