संयुक्त राष्ट्र की 75 वीं वर्षगांठ पर महासचिव गुतेरस ने कहा, एकजुट होकर कर सकते हैं महामारी का मुकाबला
संयुक्त राष्ट्र अपनी स्थापना के 75वीं वर्षगांठ पर महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने शासन की गुणवत्ता बढ़ाने का आह्वान करते हुए कहा कि इस समय दुनिया के समक्ष बेशुमार चुनौतियां खड़ी हो गई हैं और समाधान बहुत कम बचे हैं। महामारी ने दुनिया को बहुत कमजोर और अनिश्चित बना दिया है।
संयुक्त राष्ट्र, पीटीआइ। कोविड महामारी के बीच संयुक्त राष्ट्र अपनी स्थापना के 75 साल पूरे करने जा रहा है। ऐसे में महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने शासन की गुणवत्ता बढ़ाने का आह्वान किया। कहा, इस समय दुनिया के समक्ष बेशुमार चुनौतियां खड़ी हो गई हैं लेकिन समाधान बहुत कम बचे हैं। संयुक्त राष्ट्र आमसभा को संबोधित करते हुए गुतेरस ने कहा, कोरोना वायरस से पैदा हुई महामारी ने दुनिया को बहुत कमजोर और अनिश्चित बना दिया है। हम एकजुटता और बेहतर शासन व्यवस्था से ही इस महामारी और उसके दुष्परिणामों से निपट सकते हैं।
75 वीं वर्षगांठ मनाने के लिए संयुक्त राष्ट्र में आयोजित समारोह में दुनिया भर से नेताओं को आना था लेकिन महामारी के चलते वे नहीं आ सकते। इसलिए अब ज्यादातर नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये समारोह में शिरकत करेंगे। हफ्ते भर चलने वाले चर्चा के सत्र में राष्ट्राध्यक्ष, शासनाध्यक्ष और मंत्रीगण प्री-रिकॉर्डेड वीडियो के जरिये अपनी बात रखेंगे। संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा। 75 वीं वर्षगांठ के मौके पर राजनीतिक घोषणा पत्र पर सभी 193 सदस्य देशों की सहमति बनाने का प्रयास होगा और इसके बाद इसे जारी किया जाएगा।
समारोह की शुरुआती संबोधन में महासचिव गुतेरस ने दुनिया में शांति की स्थापना में संयुक्त राष्ट्र की भूमिका को याद किया। उन्होंने कहा, विश्व संस्था ने उपनिवेशवाद को खत्म कर, मानवाधिकारों के मानदंड तय कर, रंगभेद समाप्त कर, बीमारियों के उन्मूलन, भुखमरी को नियंत्रित करने और पर्यावरण सुरक्षा के लिए ऐतिहासिक समझौता कर अपने गठन के उद्देश्य को काफी हद तक पूरा किया है। लेकिन अभी भी बहुत सा काम किया जाना बाकी है, खासतौर पर लैंगिक असमानता को दूर करने की दिशा में। दुनिया के सामने यह सबसे बड़ी चुनौती है।
इस बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा ने एक दूरंदेशी घोषणा को सर्वसम्मति से स्वीकार किया है। यह आतंकवाद से लड़ने और कोरोना महामारी जैसी चुनौतियों से निपटने के लिए बेहतर तैयारी का आह्वान करती है। सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान भारत की प्राथमिकताओं को इस घोषणा में जगह मिली है। ऐसा इसलिए क्योंकि भारत आतंकवाद के खिलाफ ठोस निर्णय, बहुपक्षीय सुधारों और समावेशी विकास का आह्वान करता रहा है।