वायरस में वृद्धि और आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं से अमेरिका में रिकवरी बाधित
कोरोना महामारी की शुरुआत से अमेरिका की स्थिति दुनिया के अन्य देशों में सबसे अधिक बदहाल है। कोविड-19 मामलों में वृद्धि और आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं से अमेरिका में रिकवरी बाधित है। दूसरी तिमाही के 1.6 प्रतिशत की तुलना में तीसरी तिमाही में जीडीपी मात्र 0.5 प्रतिशत बढ़ा है।
वाशिंगटन [न्यूयार्क टाइम्स]। अमेरिका में आर्थिक प्रगति की रफ्तार धीमी पड़ गई है। सरकार का कहना है कि कोरोना संक्रमण के मामलों में वृद्धि से उपभोक्ता घरों में रहने को मजबूर हुए हैं और बाजार पर इसका असर पड़ा है। इसके अलावा आपूर्ति श्रृंखला की समस्याओं के चलते उत्पादन प्रभावित हुआ और कीमतें बढ़ी हैं।
साल की शेष अवधि को लेकर भी संभावनाएं मिली जुली हैं। महामारी के चलते लागू पाबंदियों में कुछ राहत मिली है, लेकिन आपूर्ति श्रृंखला सही नहीं हो पाई है। अमेरिकी वाणिज्य मंत्रालय ने कहा है कि तीसरी तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) 0.5 प्रतिशत बढ़ा है। दूसरी तिमाही के 1.6 प्रतिशत की तुलना में इसमें गिरावट आई है। यह वसंत में महामारी से उबरने के बाद से सबसे कमजोर वृद्धि को दर्शाता है।
अभी जुलाई में ही अर्थशास्त्रियों ने भविष्यवाणी की थी कि साल की दूसरी छमाही में आर्थिक रिकवरी को गति मिलेगी, क्योंकि व्यापक टीकाकरण के चलते छात्र स्कूलों लौटेंगे, श्रमिक काम पर आएंगे और होटल व रेस्तरां में ग्राहकों की संख्या बढ़ेगी। लेकिन यह भविष्यवाणी डेल्टा वैरिएंट के प्रसार से पहले की थी। डेल्टा वैरिएंट के चलते पूरे देश में कोरोना के मामले बढ़े हैं और सप्लाई चेन भी बाधित हुई है।
महामारी की शुरुआत से दुनिया भर के देशों में सबसे बुरा हाल अमेरिका का है। यहां अब तक कुल संक्रमण का आंकड़ा 45,825,983 हो चुका है और मरने वालों की संख्या 743,358 है। शुक्रवार सुबह आठ बजे जान्स हापकिन्स यूनिवर्सिटी के अनुसार पूरी दुनिया में कोरोना संक्रमण के मामलों का आंकड़ा 245,493,444 हो गया है और मरने वालों की संख्या 4,979,940 हो चुकी है वहीं इससे बचाव के लिए जारी टीकाकरण अभियान के तहत कुल 6,947,883,074 खुराकें लगाई जा चुकी हैं।
2019 के अंत में कोरोना वायरस संक्रमण का पहला मामला चीन के वुहान में सामने आया था। इसके बाद दो-तीन माह के भीतर ही इसने पूरी दुनिया को अपने गिरफ्त में ले लिया। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने 11 मार्च 2020 को इसकी गंभीरता को भांपते हुए कोविड-19 को महामारी घोषित कर दिया।