गूगल के पूर्व मैनेजर ने कंपनी पर लगाए आरोप, कहा-बच्चों को खुली छूट देने के हैं खतरे
ट्रिस्टेन हैरिस ने कहा है कि गूगल सरीखी टेक कंपनियों को खुली छूट देने से बच्चों का भविष्य अंधेरे में है।
वाशिंगटन, जेएनएन। गूगल में चार साल तक काम कर चुके मैनेजर ट्रिस्टेन हैरिस ने कहा, कंपनी की हर कोशिश होती है कि लोग उसकी सेवाओं से ही चिपके रहे। उन्होंने कहा है कि गूगल सरीखी टेक कंपनियों को खुली छूट देने से बच्चों का भविष्य अंधेरे में है।
अभी एक दिन पहले ही सरकारी नियामक संस्था ऑफकॉम के मुखिया शेरोन ह्वाइट भी यह आशंका जता चुके हैं। गूगल के पूर्व प्रबंधक ने पूरे दिन अपनी सेवाओं पर चिपकने के उद्देश्य से 'मानव प्रकृति में हेरफेर करने' के तकनीकी के असाधारण प्रयोग का आरोप लगाया है।
ट्रिस्टेन हैरिस ने कहा कि इसका एक लक्ष्य है कि लोगों को अपनी सेवाओं में जोड़ना है, जो ध्यान आकर्षित करने की दौड़ पैदा कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि दुनिया भर की सरकारों ने तकनीकी उद्योग को विनियमन को लेकर एक मुक्त पास दिया है।
शेरोन ह्वाइट ने भी कहा था कि वेब पर तकनीकी दिग्गजों को मुफ्त नियंत्रण देने से बच्चों के लिए 'गहरा परिणाम' हो सकता है। इसके लिए कोई विनियमन नहीं है। हैरिस ने गूगल के लिए 'डिजाइन नीतिशास्त्री' के रूप में कई सालों बिताए हैं। इस बारे में योजना विकसित की कि कैसे तकनीक नैतिक रूप से वेब उपयोगकर्ता के विचारों और कार्यों को चला सकती है।
उन्होंने कहा कि संगठनों ने 'ध्यान आकर्षित करने की दौड़' में बंद कर दिया है। उन्होंने कहा कि 'यह वास्तव में मानव प्रकृति में हेरफेर कर रहा है और यह सामाजिक विस्तार के परिणामस्वरूप है।
हैरिस ने कहा कि 'वे (तकनीकी कंपनियां) पैर से लेकर मस्तिष्क कोशिकाओं तक की दौड़ में पकड़े जाते हैं। समस्या यह है कि सामाजिक तानेबाने में बच्चों पर बड़े पैमाने पर अलगाव और विरक्ति का प्रभाव डालते हैं।