वैज्ञानिकों ने निकाला प्रोस्टेट कैंसर के इलाज का नया तरीका, मिलेगी राहत
वैज्ञानिकों ने पहले क्लीनिकल ट्रायल में गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (सोने के नैनोकण) का इस्तेमाल किया है। ये प्रोस्टेट कैंसर को निशाना बनाने में काम करते हैं।
वाशिंगटन, प्रेट्र। वैज्ञानिकों को प्रोस्टेट कैंसर के इलाज में एक नया तरीका ईजाद करने में बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने अपनी तरह के पहले क्लीनिकल ट्रायल में गोल्ड नैनोपार्टिकल्स (सोने के नैनोकण) का इस्तेमाल किया है। ये प्रोस्टेट कैंसर को निशाना बनाने में मिसाइल की तरह काम करते हैं।
सिलिका ग्लास की पतली परतों से बने इन नैनोपार्टिकल्स या नैनोशेल्स का आकार गोल है और इन पर सोने की पतली परत चढ़ाई गई है। ये कैंसर कोशिकाओं को खत्म करने के साथ ही स्वस्थ टिश्यू को संरक्षित करने में प्रभावी पाए गए हैं।
अमेरिका की टेक्सास यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता स्टीवन कैनफिल्ड ने कहा, 'यह थेरेपी प्रोस्टेट कैंसर रोगियों के लिए जीवन में बदलाव लाने वाली साबित हो सकती है। मैं अमेरिका के खाद्य और दवा प्रशासन के उन डॉक्टरों में शामिल होकर सम्मानित महसूस कर रहा हूं जिन्होंने इसे परीक्षण के लिए मंजूरी दी है।'
प्रोस्टेट कैंसर पुरुषों की प्रोस्टेट ग्रंथि में सेल्स (कोशिकाओं) के उत्परिवर्तन और अनियंत्रित वृद्धि के चलते होता है। इस रोग का रेडिकल प्रोस्टेटेक्टोमी समेत पारंपरिक रूप से इलाज किया जाता है। रेडिकल प्रोस्टेटेक्टोमी में प्रोस्टेट ग्रंथि और इसके इर्द-गिर्द के कुछ टिश्यू को निकाल दिया जाता है। इसका रेडिएशन थेरेपी और क्रायोथेरेपी से भी उपचार किया जाता है।
इन विधियों का मूत्र संबंधी कार्यक्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने का खतरा रहता है। कैनफिल्ड ने कहा, 'प्रोस्टेट कैंसर का मौजूदा उपचार गंभीर आघात पहुंच सकता है। इस नई तकनीक में इन प्रभावों को खत्म करने की भरपूर संभावना है।'