भारत की वजह से COVAX की वैश्विक सप्लाई है बाधित: USAID
USAID के एडमिनिस्ट्रेटर सामंथा पावर ने कहा भारत में जिस पैमाने पर महामारी का प्रकोप है उसका असर COVAX पर पड़ा है। दुनिया के कई हिस्सों में हेल्थ वर्करों या फ्रंटलाइन वर्करों को कोरोना वैक्सीन की एक डोज मिली है और दूसरी डोज का अभी पता ही नहीं।
वाशिंगटन, प्रेट्र। भारत (India) में कोरोना वायरस संक्रमण ( COVID-19) के कारण जारी संकट से कोवैक्स (COVAX) की सप्लाई बुरी तरह बाधित है। दुनिया के कई हिस्सों में हेल्थ वर्करों या फ्रंटलाइन वर्करों को कोरोना वैक्सीन की एक डोज मिली है और दूसरी डोज का अभी पता ही नहीं। यह बयान बाइडन प्रशासन (Biden administration) के शीर्ष अधिकारी ने गुरुवार को वहां के सांसदों के समक्ष दिया। अंतरराष्ट्रीय विकास के लिए अमेरिकी एजेंसी USAID के एडमिनिस्ट्रेटर सामंथा पावर (Samantha Power) ने कहा, 'भारत में जिस पैमाने पर महामारी का प्रकोप है उसका असर COVAX पर पड़ा है।' बताते चलें कि COVAX अभियान के तहत दुनिया के गरीब देशों को वैक्सीन की आपूर्ति की जाती है।
वैक्सीन की किल्लत को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में पावर ने कहा, ' सीरम इंस्टीट्यूट ( Serum Institute of India) ने जून के अंत तक वैक्सीन के 140 मिलियन से अधिक खुराकों की सप्लाई करने का फैसला किया था लेकिन देश में उत्पन्न संकट को देखते हुए इसमें बदलाव करना पड़ा।' उन्होंने कहा, 'अब COVAX के लिए हमारे जैसे देशों से उम्मीद की जा रही है कि सप्लाई में योगदान करें।'
USAID के लिए 2022 के बजट को लेकर हो रही चर्चा के दौरान कोरोना वैक्सीन का यह मुद्दा उठा। पावर ने आगे कहा, 'फिलहाल सबसे बड़ा मुद्दा यह है कि दुनिया के कई हिस्सों में अभी तक हेल्थ वर्करों समेत फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन की एक ही खुराक दी गई है और दूसरी खुराक मिल नहीं रही क्योंकि भारत से आने वाली वैक्सीन की सप्लाई को रोक दिया गया है क्योंकि वहां महामारी के कारण हालात बेकाबू हैं।' उन्होंने कहा, 'यह हमें देखना है कि दुनिया के सभी हेल्थवर्करों व फ्रंटलाइन वर्करों को वैक्सीन मिल सके। मुझे लगता है कि COVAX के सामने सबसे बड़ी चुनौती अब तक फंड की कमी, सप्लाई की मुश्किल है।'
विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ और गावी ने एक संयुक्त बयान जारी कर कहा है कि भारत में कोरोना वायरस महामारी का असर कोवैक्स के तहत वैक्सीन की वैश्विक आपूर्ति पर पड़ा है। इसके चलते इस साल जून तक 19 करोड़ डोज टीके की कमी होगी। इन संगठनों ने अपने बयान में कहा है कि जिन देशों में वैक्सीनेशन चल रहा है, वहां कोरोना के मामलों में कमी आ रही है। अस्पतालों में लोग कम भर्ती हो रहे हैं और हालात सामान्य होने की ओर बढ़ रहे हैं। हालांकि वैश्विक तस्वीर कहीं चिंताजनक है।