विवाहित पुरुषों को पादरी बनाने के पक्ष में नहीं पूर्व पोप बेनेडिक्ट
पोप फ्रांसिस फिलहाल अमेजन जैसे दूरदराज के उन क्षेत्रों में विवाहित पुरुष को पादरी बनाए जाने की अनुमति देने पर विचार कर रहे हैं जहां पादरियों की कमी है।
रोम, एएफपी। पूर्व पोप बेनेडिक्ट 16वें ने कैथोलिक चर्च में विवाहित पुरुषों को भी पादरी बनाने के मामले में चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने अपनी नई किताब में अविवाहितों को ही पादरी बनाने की परंपरा का बचाव करते हुए अपने उत्तराधिकारी पोप फ्रांसिस से विवाहित पुरुषों के लिए पादरी बनने का रास्ता नहीं खोलने की अपील की है। पोप फ्रांसिस फिलहाल अमेजन जैसे दूरदराज के उन क्षेत्रों में विवाहित पुरुष को पादरी बनाए जाने की अनुमति देने पर विचार कर रहे हैं, जहां पादरियों की कमी है।
92 वर्षीय पूर्व पोप बेनेडिक्ट ने कार्डिनल रॉबर्ट सारा के साथ मिलकर 'फ्रॉम द डेप्थ ऑफ अवर हार्ट्स' शीर्षक से किताब लिखी है। फ्रांसीसी अखबार ली फिगारो में रविवार को इस किताब के कुछ अंश प्रकाशित किए गए। बेनेडिक्ट ने किताब में लिखा है, 'मैं चुप नहीं रह सकता।' किताब के दोनों लेखकों ने सभी चर्च से अपील की है कि वे ऐसी बुरी दलीलों, झूठ और खामियों के आगे नहीं झुकें, जो अविवाहित पादरी के महत्व को कम करना चाहते हैं।
उन्होंने आगाह किया है कि अपने ब्रह्माचर्य से जुड़े सवालों को लेकर पादरी उलझन में पड़ सकते हैं। वर्ष 2013 में पोप पद छोड़ने वाले बेनेडिक्ट कैथोलिक चर्च से जुड़े अहम मसलों पर लगातार अपनी राय रखते रहते हैं। वह 600 वर्षो के इतिहास में कैथोलिक समुदाय के शीर्ष पद से इस्तीफा देने वाले पहले पोप हैं। उन्होंने कहा कि विवाहित पुरूषों के ऊपर कुछ
जिम्मेदारियां बढ़ जाती है जिसके कारण वो अधिक समय नहीं दे पाते हैं। जबकि अविवाहित पुरूषों के ऊपर ऐसी बहुत अधिक जिम्मेदारियां नहीं होती हैं इस वजह से वो पादरी की जिम्मेदारियों को बेहतर तरीके से निभा सकते हैं। फिलहाल पादरियों की संख्या की कमी है इस वजह से ऐसा कहा जा रहा था कि जल्द ही पादरियों की नियुक्ति की जाएगी। इसमें विवाहित और अविवाहित का भी ध्यान रखा जाएगा।