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विदेश मंत्रालय ने कहा- भारत और अमेरिका के संबंधों का आधार है साझा मूल्य

पीएम मोदी के अमेरिका के अगले राष्ट्रपति जो बाइडन से फोन कॉल के बाद विदेश मंत्रालय का दावा आया कि अमेरिकी नेता ने कहा कि वह साझा वैश्विक चुनौतियों पर पीएम के साथ मिलकर काम करने के लिए तत्पर हैं जिसमें घर और लोकतंत्र को मजबूत करना शामिल है।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 20 Nov 2020 07:37 AM (IST)Updated: Fri, 20 Nov 2020 07:37 AM (IST)
विदेश मंत्रालय ने कहा- भारत और अमेरिका के संबंधों का आधार है साझा मूल्य
भारत और अमेरिका के बीच संबंधों पर बोला विदेश मंत्रालय। (फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, एजेंसियां। भारत के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि भारत और अमेरिका के बीच संबंध साझा मूल्यों और आपसी हितों की नींव पर आधारित हैं। इसमें लोकतांत्रिक सिद्धांतों के लिए प्रतिबद्धता शामिल है।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच 17 नवंबर को हुई बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने के प्रति अपनी इच्छा जताई।'

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प्रवक्ता ने बताया कि उन्होंने साझा प्राथमिकताओं, वैश्विक चुनौतियों और हिंद प्रशांत क्षेत्र में सहयोग पर विचारों का आदान-प्रदान भी किया। आरसेप के बारे में श्रीवास्तव ने कहा, 'आरसेप में शामिल होने के बारे में हमारी स्थिति बहुत अच्छे से ज्ञात है। हमने आरसेप में शामिल नहीं होने के बारे में अपनी स्थिति से अवगत करा दिया है क्योंकि बुनियादी हितों के कुछ महत्वपूर्ण मसले अनसुलझे रह गए।'

गोपनीय कानूनी मुद्दे के समाधान के बाद हो सकता है माल्या का प्रत्यर्पण

अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि ब्रिटेन में गोपनीय कानूनी मुद्दे के समाधान के बाद ही विजय माल्या का भारत प्रत्यर्पण हो सकता है। श्रीवास्तव ने कहा कि प्रत्यर्पण को लेकर किसी निश्चित समय सीमा का संकेत नहीं दिया गया है और भारत ब्रिटिश अधिकारियों के सामने यह मुद्दा उठाना जारी रखेगा।

पीएम मोदी ने की बाइडन की तारीफ, कहा- भारतीय-अमेरिकी समुदाय का गौरव

पीएम नरेंद्र मोदी ने बाइडन को लेकर कहा है कि उनकी सफलता भारतीय-अमेरिकी समुदाय के लिए गौरव और प्रेरणा का प्रतीक है। बाइडन जिस समय सीनेटर थे, उसी समय से भारत-अमेरिका के बीच निकट संबंधों के प्रबल पक्षधर रहे हैं। 2008 में नागरिक परमाणु समझौते को सीनेट से मंजूरी दिलाने में उन्होंने अहम भूमिका निभाई थी। बराक ओबामा के राष्ट्रपति रहने के दौरान भारत-अमेरिका के रणनीतिक और रक्षा संबंधों में व्यापक विस्तार हुआ। उप राष्ट्रपति के तौर पर बाइडन की इसमें महत्वपूर्ण भूमिका रही।


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