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विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा- आतंकवाद किसी भी रूप में भारत को स्वीकार नहीं

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं कर सकता या ना ही कूटनीति के रूप में इसे जायज बता सकता है। उन्होंने भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच संघर्ष विराम पर हालिया समझौते को अच्छा कदम बताया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 01:32 AM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 07:13 AM (IST)
विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा- आतंकवाद किसी भी रूप में भारत को स्वीकार नहीं
दुनिया के एक हिस्से का टीकाकरण होना दूसरे का न होना किसी के लिए भी ठीक नहीं।

न्यूयार्क, प्रेट्र। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत आतंकवाद को बर्दाश्त नहीं कर सकता या ना ही कूटनीति के रूप में इसे जायज बता सकता है।

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भारत-पाक के बीच हालिया समझौता एक अच्छा कदम

उन्होंने भारत और पाकिस्तान की सेनाओं के बीच संघर्ष विराम पर हालिया समझौते को अच्छा कदम बताया लेकिन इंगित किया कि दोनों देशों के बीच कुछ बड़े मुद्दे बाकी हैं।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा- एक ना एक दिन दोनों पड़ोसियों को रास्ते तलाशने होंगे

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि एक ना एक दिन दोनों पड़ोसियों को रास्ते तलाशने होंगे। यह सवाल नहीं है कि क्या हम एक साथ रह सकते हैं। जयशंकर ने अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जनरल एच आर मैकमास्टर के साथ बातचीत के दौरान यह टिप्पणी की।

दुनिया के एक हिस्से का टीकाकरण होना दूसरे का न होना किसी के लिए भी ठीक नहीं

हूवर इंस्टीट्यूशन द्वारा आयोजित भारत : रणनीतिक भागीदारी के लिए अवसर और चुनौतियां विषय पर संवाद सत्र का आयोजन किया गया। कोरोना वायरस की स्थिति पर विदेश मंत्री ने कहा कि दुनिया के एक हिस्से का टीकाकरण होना और एक हिस्से का नहीं होना, किसी के लिए भी सुरक्षित नहीं होगा। उन्होंने कहा कि अगर बड़े देश हर चीज को नजरअंदाज कर अपने-अपने राष्ट्रीय हितों पर ध्यान देंगे तो दुनिया में बड़ी समस्या पैदा होगी।

गुतेरस के दूसरे कार्यकाल का भारत ने किया समर्थन

संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख के तौर पर महासचिव एंतोनियो गुतेरस की जनवरी 2022 से पांच वर्ष के दूसरे कार्यकाल के लिए फिर से उम्मीदवारी का भारत ने समर्थन किया है। विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने मंगलवार को यहां गुतेरस से मुलाकात की और उनके साथ गर्मजोशी के साथ हुई लंबी बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की जिसमें कोरोना की चुनौती, वैक्सीन सप्लाई चेन को दुरुस्त करना, जलवायु से जुड़े मुद्दे, क्षेत्रीय चुनौतियां और अगस्त में संयुक्त राष्ट्र की अध्यक्षता के दौरान भारत की प्राथमिकताएं शामिल थीं।


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