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अमेरिकी फेडरल बैंक के ब्याज दरों में बढ़ोतरी से मंदी की आशंका, पिछले कई वर्षों के सबसे ऊंचे स्तर 8.6 प्रतिशत पर पहुंची मुद्रास्फीति

फेडरल रिजर्व यह खुद स्वीकार कर रहा है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी से कुछ नुकसान होगा। हालांकि उसे निकट भविष्य में मंदी की उम्मीद नहीं है। फेडरल रिजर्व ने इस वर्ष अर्थव्यवस्था में 1.7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया है।

By Amit SinghEdited By: Published: Thu, 16 Jun 2022 11:10 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jun 2022 11:10 PM (IST)
अमेरिकी फेडरल बैंक के  ब्याज दरों में बढ़ोतरी से मंदी की आशंका, पिछले कई वर्षों के सबसे ऊंचे स्तर 8.6 प्रतिशत पर पहुंची मुद्रास्फीति
फेड के ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि से मंदी की आशंका

वाशिंगटन, एपी: अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व ने बुधवार को ब्याज दरों में 0.75 प्रतिशत की वृद्धि करने की घोषणा की। महंगाई से निपटने के लिए 1994 के बाद ब्याज दरों में इतनी बड़ी बढ़ोतरी की गई है, लेकिन विशेषज्ञ इस कदम को निकट भविष्य में आने वाली मंदी से जोड़कर देख रहे हैं। बता दें कि मई में अमेरिका में महंगाई दर 1981 के बाद सबसे ऊंचे स्तर 8.6 प्रतिशत पर पहुंच गई है। ब्याज दरों में वृद्धि की घोषणा करते हुए फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल ने कहा है कि महंगाई पर काबू पाने के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।

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अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर नजर रखने वाले विश्लेषक पावेल के इस बयान से ज्यादा सहमत नहीं दिखते हैं। स्टेट स्ट्रीट ग्लोबल एडवाइजर्स की मुख्य अर्थशास्त्री सिमोना मकोटा का कहना है कि पावेल महंगाई दर को दो प्रतिशत पर लाने के लिए सभी कदम उठाने की बात कर रहे हैं। मकोटा का मानना है कि फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में आक्रामक वृद्धि से अब मंदी की संभावना 50-50 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं है कि इससे बचने का तरीका नहीं है, लेकिन इससे बचना बहुत मुश्किल है। हालांकि, पावेल का कहना है कि हम मंदी को बढ़ावा देने की कोशिश नहीं कर रहे हैं। उधर, बैंक आफ इंग्लैंड ने भी महंगाई से निपटने के लिए ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की है।

फेड ने खुद नुकसान की बात स्वीकारी

फेडरल रिजर्व यह खुद स्वीकार कर रहा है कि ब्याज दरों में बढ़ोतरी से कुछ नुकसान होगा। हालांकि उसे निकट भविष्य में मंदी की उम्मीद नहीं है। फेडरल रिजर्व ने इस वर्ष अर्थव्यवस्था में 1.7 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान जताया है, जबकि इसी वर्ष मार्च में 2.8 प्रतिशत विकास दर की बात कही गई थी।

चार प्रतिशत से ज्यादा महंगाई पर आ जाती है मंदी

अमेरिकी कोषागार के पूर्व सचिव लारेंस समर्स और हार्वर्ड विश्वविद्यालय में उनके सह-कर्मचारी एलेक्स डोमाश की ओर से प्रकाशित एक पेपर के अनुसार, 1955 के बाद से अमेरिका में महंगाई दर चार प्रतिशत के पार जाने और बेरोजगारी दर पांच प्रतिशत से नीचे रहने पर अर्थव्यवस्था दो वर्ष के अंदर मंदी की चपेट में आ जाती है।

इस समय अमेरिका में बेरोजगारी दर 3.6 प्रतिशत और महंगाई दर मार्च से लगातार आठ प्रतिशत के पार बनी हुई है। अमेरिका में 1980 की शुरुआत से महंगाई दर नियंत्रण में बनी हुई है, लेकिन बीते एक साल में यह बढ़ी है। इसका बड़ा कारण कोरोना की मंदी है। कोरोना के बाद कारोबारों ने तेज वृद्धि दर्ज की है। इससे सामान की कमी और डिलिवरी में देरी हो रही है जिससे कीमत बढ़ रही है।

प्रतिघंटा औसत वेतन तीन प्रतिशत घटा

सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मई में प्रतिघंटा औसत वेतन में तीन प्रतिशत की गिरावट आई है। यह लगातार 14वां महीना है जब प्रतिघंटा औसत वेतन में कमी दर्ज की गई है। इसके अलावा दिसंबर 2021 के बाद मई में पहली बार खुदरा बिक्री में 0.3 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।


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