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राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक की तैयारी में फेसबुक, अमेरिका में चुनाव से पहले हो सकता है फैसला

फेसबुक अपने पूरे नेटवर्क पर राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक लगाने पर विचार कर रही है। द न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक इस पर अमेरिका में राष्‍ट्रपति चुनाव से पहले फैसला संभव है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 11 Jul 2020 07:23 PM (IST)Updated: Sun, 12 Jul 2020 04:03 AM (IST)
राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक की तैयारी में फेसबुक, अमेरिका में चुनाव से पहले हो सकता है फैसला
राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक की तैयारी में फेसबुक, अमेरिका में चुनाव से पहले हो सकता है फैसला

सैन फ्रांसिस्को [द न्यूयॉर्क टाइम्स]। दुनिया की दिग्गज सोशल मीडिया साइट फेसबुक अपने पूरे नेटवर्क पर राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक लगाने पर विचार कर रही है। यह प्रतिबंध अमेरिका में इस साल नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले लगाया जा सकता है। फेसबुक के अंदर इस मुद्दे पर चल रही चर्चा से जुड़े दो करीबी लोगों ने बताया कि अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है। बता दें कि सियासी विज्ञापनों पर रोक लगाने के मसले पर चर्चा गत वर्ष के आखिर से ही चल रही है।

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हर पहलू पर किया जा रहा गौर

सूत्रों का कहना है कि इसके लिए राजनीतिक समूहों और उम्मीदवारों की प्रतिक्रिया लेने के साथ ही हर पहलू पर गौर किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हाल के हफ्तों में इस मसले पर चर्चा में तेजी आई है, क्योंकि तीन नवंबर को होने वाला राष्ट्रपति चुनाव करीब आता जा रहा है। उन्होंने कहा कि मुख्य रूप से इस बात पर बहस चल रही है कि क्या राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक लगाने से उपयोगकर्ताओं की आवाज को मदद मिलेगी या नुकसान होगा?

फेसबुक का टिप्पणी से इन्कार

विज्ञापनों को रोकने से कुछ समूहों की आवाज को दबाना भी साबित हो सकता है। हालांकि इस बात का भी जोखिम है कि सियासी विज्ञापनों को चलाने से गलत सूचनाओं का प्रसार हो सकता है। इससे मतदाताओं पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है। फेसबुक के प्रवक्ता ने इस खबर पर कोई टिप्पणी करने से इन्कार किया है। हालांकि फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग कई बार यह कह चुके हैं कि उनकी कंपनी सियासी नेताओं के विज्ञापनों और पोस्टों को नियंत्रित नहीं करेगी।

दबाव में सोशल मीडिया कंपनी

राजनीतिक विज्ञापनों पर रोक लगाने की तैयारी ऐस समय चल रही है, जब फेसबुक को अपने प्लेटफार्म पर नफरत भरे संदेशों और गलत सूचनाओं को पनपने देने की छूट देने के आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। इसके चलते इस सोशल मीडिया कंपनी पर भारी दबाव बताया जा रहा है। यह माना जा रहा है कि इसी के चलते सियासी विज्ञापनों पर रोक लगाने की तैयारी की जा रही है।


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