यौन उत्पीड़न से निपटने के मामलों में गूगल की राह पर फेसबुक, नियमों में किए अहम बदलाव
फेसबुक ने एलान किया कि कर्मचारियों को अब यौन उत्पीड़न के मामलों को मध्यस्थता के जरिये सुलझाने की जरूरत नहीं होगी।
सैन फ्रांसिस्को, एएफपी/आइएएनएस। यौन उत्पीड़न से निपटने के मामलों को लेकर दुनिया की दिग्गज सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक भी गूगल की राह पर चल पड़ी है। उसने शनिवार को एलान किया कि कर्मचारियों को अब यौन उत्पीड़न के मामलों को मध्यस्थता के जरिये सुलझाने की जरूरत नहीं होगी। फेसबुक से पहले गूगल भी इसी तरह के उदार रवैये की घोषणा कर चुकी है।
फेसबुक की ओर से कार्यस्थल से जुड़े नियमों में बदलाव किए जाने से शिकायतकर्ता अब यौन उत्पीड़न के मामलों को सीधे कोर्ट में ले जा सकेंगे। फेसबुक के कॉरपोरेट मीडिया रिलेशन्स के निदेशक एंथनी हैरिसन ने कहा, 'आज हम अपनी कार्यस्थल संबंधी नई नीति प्रकाशित कर रहे हैं। मध्यस्थता से जुड़े समझौतों में संशोधन कर रहे हैं। इससे यौन उत्पीड़न के मामलों में मध्यस्थता अनिवार्य ना होकर महज एक विकल्प रह जाएगा।' उन्होंने कहा, 'हम यौन उत्पीड़न के मामलों को बेहद गंभीरता के साथ लेते हैं और फेसबुक में इसके लिए कोई जगह नहीं है।'
डेटिंग नीति में भी बदलाव
सिलिकॉन वैली स्थित दुनिया की दिग्गज सोशल साइट फेसबुक ने कर्मचारियों के बीच डेटिंग को लेकर अपनी नीति में भी बदलाव किए हैं। इसके तहत अब ऐसे कर्मचारी को निदेशक या उच्च स्तर के अधिकारियों को यह बताना होगा कि उनका कंपनी के दूसरे कर्मचारी के साथ प्रेम-प्रसंग चल रहा है।
गूगल ने भी उठाए हैं कई कदम
गूगल ने भी गत गुरुवार को कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की शिकायतों से जुड़े नियमों में बदलाव का एलान किया था। गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा, 'इस तरह के मामलों में मध्यस्थता बाध्यकारी नहीं बल्कि वैकल्पिक होगा।' इस कदम से ऐसे अनाम समझौतों का दौर खत्म हो सकता है जिसमें उत्पीड़न करने वाले आरोपी की पहचान जाहिर नहीं की जाती है। गूगल ने यह कदम दुनिया के कई देशों में अपने कर्मचारियों द्वारा किए गए विरोध-प्रदर्शन के बाद उठाया। पिचाई ने इस तरह के मामलों के निपटारे में गूगल को ज्यादा पारदर्शी बनाने का वादा भी किया