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अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दुष्प्रचार रोकने में जुटे फेसबुक और ट्विटर, नए कदमों का किया एलान

फेसबुक ने गुरुवार को ऐसे केंद्रों का एलान किया जिनसे अमेरिकी मतदाता चुनाव के बारे में आसानी से सटीक जानकारी हासिल कर सकेंगे।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Thu, 13 Aug 2020 04:44 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 04:53 PM (IST)
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दुष्प्रचार रोकने में जुटे फेसबुक और ट्विटर, नए कदमों का किया एलान
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में दुष्प्रचार रोकने में जुटे फेसबुक और ट्विटर, नए कदमों का किया एलान

वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिका में तीन नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव (US Presidential Election) में विदेशी दखल के बढ़ते खतरे के बीच फेसबुक और ट्विटर दुष्प्रचार रोकने की कवायद में जुट गए हैं। इन दोनों सोशल मीडिया प्लेटफार्म ने कई उपायों का एलान किया है।

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फेसबुक ने गुरुवार को ऐसे केंद्रों का एलान किया, जिनसे अमेरिकी मतदाता चुनाव के बारे में आसानी से सटीक जानकारी हासिल कर सकेंगे। जबकि ट्विटर ने मेल के जरिये होने वाले मतदान के बारे में झूठी खबरों के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए अपने नियमों को और सख्त कर दिया है।

2016 में फेसबुक पर लगा था आरोप

इन कदमों का एलान ऐसे समय किया गया है, जब इन सोशल मीडिया प्लेटफार्म की इस बात को लेकर आलोचना हो रही है कि झूठी खबरों को रोकने में इनका रवैया ढीला है। इन पर वर्ष 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में झूठी खबरों के प्रसार का माध्यम बनने का आरोप लगा था।

ट्विटर की वाइस प्रेसिडेंट जेसिका हरेरा फ्लेनिगन ने कहा, 'हम नई नीतियों के साथ हर वोटर को सशक्त बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।' इस बीच फेसबुक ने वोटिंग इंफार्मेशन सेंटर की शुरुआत की। इस सोशल मीडिया प्लेटफार्म की वाइस प्रेसिडेंट नाओमि ग्लाइट ने कहा, 'वोटिंग इंफार्मेशन सेंटर फेसबुक और इंस्टाग्राम पर उपलब्ध होगा। यह बेहद महत्वपूर्ण है कि हम अपने चुनावों की पवित्रता को बनाए रखने में मदद कर रहे हैं।'

अमेरिकी चुनाव में दखल दे सकता है चीनी एप टिकटॉक

वहीं, दूसरी ओर जुलाई के अंतिम सप्ताह के दौरान शीर्ष रिपब्लिकन सांसदों ने चुनाव में चीनी सोशल मीडिया एप टिकटॉप की भूमिका को लेकर चिंता जताई थी। उन्होंने यह आशंका व्यक्त की थी कि चीन इस एप के इस्तेमाल से चुनाव को प्रभावित कर सकता है। हाल ही में अमेरिकी खुफिया एजेंसियों ने भी चेतावनी जारी की थी कि चुनाव में चीन, रूस और ईरान दखल दे सकते हैं।


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