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कोरोना और लॉकडाउन के फेर में फंसी दुनिया और आतंकी संगठन यूं दे रहे अपनी मुहिम को अंजाम

लॉकडाउन का फायदा उठाकर चरमपंथी संगठन सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए हैं। इसके जरिए वो युवाओं को भटकाने की कोशिश में लगे हैं।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 28 Apr 2020 03:01 PM (IST)Updated: Wed, 29 Apr 2020 07:22 AM (IST)
कोरोना और लॉकडाउन के फेर में फंसी दुनिया और आतंकी संगठन यूं दे रहे अपनी मुहिम को अंजाम
कोरोना और लॉकडाउन के फेर में फंसी दुनिया और आतंकी संगठन यूं दे रहे अपनी मुहिम को अंजाम

न्‍यूयॉर्क। एक तरफ जहां पूरी दुनिया कोरोना संकट के तहत लॉकडाउन से जूझ रही है वहीं आतंकवादी समूह इसका फायदा उठाने की फिराक में है। इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस ने पूरी दुनिया को सावधान किया है। उनके मुताबिक इस संकट के दौर में उन्‍होंने सोशल मीडिया के तहत युवाओं को अपने संगठन के जोड़ने के प्रयास तेज कर दिए हैं। ये चरमपंथी गुट लॉकडाउन का अपने फायदे के लिए इस्‍तेमाल करने में लगे हैं।

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गुतारेस के मुताबिक इन संगठनों ने सोशल मीडिया के जरिए नफरत फैलाने और उन युवाओं की भर्ती करने के अपने प्रयास तेज कर दिए हैं, जो अपना ज्यादातर समय अब घर पर तथा ऑनलाइन बिता रहे हैं। उनका कहना था कि इस संकट के पहले से ही युवा कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। वर्तमान में हर पांच में से एक युवा पहले से ही शिक्षा, रोजगार से वंचित है। इसलिए लॉकडाउन के कारण ऊब चुका युवा गलत राह पर जा सकता है। इसके लिए पूरी दुनिया को हर तरह से सतर्क रहना होगा।

इतना ही नहीं आंकड़े इस बात की भी गवाही दे रहे हैं हर साल 1.2 करोड़ नाबालिग लड़कियां मां बन जाती हैं। ये आंकड़ा उस अपराध को बताने के लिए काफी है जिससे आज तक हम नजरें फेरते आए हैं। उनके मुताबिक हर चार नौजवानों में से एक हिंसा या संघर्ष से प्रभावित है।

हालांकि गुतारेस मानत हैं कि दुनिया भर की सरकारें इस समस्‍या से उबरने की पूरी कोशिश कर रही हैं। लेकिन हकीकत ये भी है कि अभी तक इसका हल करने में सरकारें नाकाम रहीं हैं। ऐसे में चरमपंथी समूहों के लिए रोष और मायूसी का फायदा उठाना आसान हो जाता है और इससे युवाओं के कट्टरपंथ की ओर बढ़ने का खतरा बढ़ता है। संयुक्‍त राष्‍ट्र में उन्‍होंने कहा कि कोविड-19 की वजह से लाखों जिंदगियां प्रभावित हुई हैं। सरकारों को देखना होगा कि महामारी से निपटने के दौरान उनकी प्रतिभा कहीं अंदर ही दबकर न रह जाए। इस प्रतिभा को बाहर निकालने के लिए सभी देशों को प्रयास करना होगा।

संयुक्‍त राष्‍ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक 1.54 अरब से ज्यादा बच्चे और युवा कोविड-19 संकट से प्रभावित हुए हैं। इसके बाद भी दुनिया भर में युवा कोरोना वायरस महामारी से निपटने की लड़ाई में अपनी भूमिका निभा रहे हैं और अग्रिम पंक्ति के स्वास्थ्य कर्मियों और जरूरतमंद लोगों की मदद कर रहे हैं। गुतारेस ने परिषद के सदस्यों से युवाओं की भागीदारी बढ़ाने और युवा लोगों के सामने आने वाली विभिन्न चुनौतियों का समाधान करने के लिए और अधिक प्रयास करने का आग्रह किया। 

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