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विदेश नीति के मोर्चे पर नई भारत सरकार के लिए कम नहीं चुनौतियां, लेने होंगे ये अहम फैसले

आगामी 23 मई को चुनाव नतीजे आने के बाद बनने वाली देश की नई सरकार के लिए विदेश नीति के मोर्चे पर चुनौतियां कम नहीं होंगी। नई सरकार विदेश नीति के मसले पर कई बड़े फैसले लेने होंगे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 21 May 2019 10:41 AM (IST)Updated: Tue, 21 May 2019 11:24 AM (IST)
विदेश नीति के मोर्चे पर नई भारत सरकार के लिए कम नहीं चुनौतियां, लेने होंगे ये अहम फैसले
विदेश नीति के मोर्चे पर नई भारत सरकार के लिए कम नहीं चुनौतियां, लेने होंगे ये अहम फैसले

वाशिंगटन, पीटीआइ। आगामी 23 मई को चुनाव नतीजे आने के बाद बनने वाली देश की नई सरकार के लिए विदेश नीति के मोर्चे पर चुनौतियां कम नहीं होंगी। अमेरिका में प्रतिष्ठित भारतीय विशेषज्ञों का मानना है कि भारत में 23 मई को चुनाव नतीजे जारी होने के बाद बनने वाली नई सरकार के लिए विदेश नीति, खासकर आर्थिक क्षेत्र में महत्‍वपूर्ण फैसले करने होंगे। विशेषज्ञों की मानें तो रक्षा के क्षेत्र में पिछली सरकारों में भारत और अमेरिका के रिश्‍तों में प्र‍गति हुई है लेकिन व्‍यापार एवं आर्थिक मोर्चे पर तनाव बढ़ा है। ऐसे में नई सरकार को घरेलू मोर्चे पर आर्थिक सुधारों में तेजी लानी होगी साथ ही संस्‍थाओं को भी मजबूती देनी होगी। 

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फॉरेन रिलेशन पर अमेरिकी परिषद की सदस्‍य एलिसा आयर्स ने कहा कि भारत में अगली सरकार किसी भी पार्टी की बने लेकिन नई सरकार को विदेशी नीति के संबंध में खासकर आर्थिक मोर्चे पर बड़े फैसले करने होंगे। 'आवर टाइम हैज कम: हाउ इंडिया इज मेकिंग इट्स प्‍लेस इन द वर्ल्‍ड' की लेखिका एलिसा के मुताबिक, रक्षा क्षेत्र के मामले में भारत की पिछली सरकारों और अमेरिका के बीच संबंधों में तरक्‍की हुई है लेकिन व्‍यापार और आर्थिक मोर्चा अभी भी तनाव की वजह बना हुआ है। एलिसा आयर्स पिछली ओबामा प्रशासन में भी अपनी सेवाएं दे चुकी हैं। 

वहीं विशेषज्ञ एशले टेलिस ने अपने लेख 'ट्रबल्स अपलेंटी: फॉरेन पॉलिसी चैलेंजिस फॉर द नेक्स्ट इंडियन गवर्नमेंट' में कहा कि एग्जिट पोल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दोबारा चुने जाने का पूर्वानुमान लगाया है। यदि वह दोबारा प्रधानमंत्री बनते हैं तो उन्हें भारत में ही नहीं, बल्कि उससे आगे भी गंभीर चुनौतियों का सामना करना होगा। 'कार्नेगी एंडोमेंट फॉर इंटरनेशनल पीस' में कार्यरत टेलिस का कहना है कि यदि भारत को अगले दशकों में बड़ी ताकत बनाने के लिए अगली सरकार को घरेलू मोर्चे पर आर्थिक सुधारों की गति को तेज करना होगा। साथ ही साथ देश के अंदरूनी सामंजस्‍य भी बनाए रखना होगा। 

जॉन्‍स हॉपकिन्‍स स्‍कूल ऑफ एडवांस्‍ड इंटरनेशनल स्‍टडीज में एसोसिएट प्रोफेसर जोशुआ व्‍हाइट ने भी कहा कि भारत की अगली सरकार के लिए सबसे महत्‍वपूर्ण काम आर्थिक सुधार के होंगे। 'न्‍यू अमेरिका' थिंक टैंक के वरिष्‍ठ सदस्‍य अनीश गोयल ने कहा कि सत्‍ता में कोई आए उसको विदेश नीति के मोर्चे पर व्‍यापारिक संबंधों समेत कई चुनौतियों का समना करना होगा। ये चुनौतियों प्रतिदिन और जटिल होती जा रही हैं। 

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