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बैक्टीरिया से बिना प्रदूषण के पैदा होगी बिजली, स्वच्छ ऊर्जा का एक और साधन

अक्षय ऊर्जा उत्पन्न करने की यह विधि सौर और पवन ऊर्जा से बहुत बेहतर है क्योंकि इसका इस्तेमाल घर के अंदर भी किया जा सकता है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Tue, 18 Feb 2020 06:53 PM (IST)Updated: Tue, 18 Feb 2020 06:53 PM (IST)
बैक्टीरिया से बिना प्रदूषण के पैदा होगी बिजली, स्वच्छ ऊर्जा का एक और साधन
बैक्टीरिया से बिना प्रदूषण के पैदा होगी बिजली, स्वच्छ ऊर्जा का एक और साधन

बोस्टन, प्रेट्र। शोधकर्ताओं ने एक नया उपकरण विकसित किया है जो प्राकृतिक बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न प्रोटीन का प्रयोग करके हवा में मौजूद नमी से बिजली का निर्माण करता है। वैज्ञानिकों ने इसे अक्षय ऊर्जा का एक और साधन बताया है जो सौर और पवन ऊर्जा के विपरीत घर के अंदर भी बिजली उत्पन्न कर सकता है।

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नेचर जर्नल में वर्णित डिवाइस को 'एयर-जेन' या वायु संचालित जेनेरेटर कहा जाता है। इस डिवाइस को सूक्ष्मजीव जियोबैक्टर द्वारा बनाई गई अत्यंत छोटी विद्युत प्रवाहकीय प्रोटीन तारों द्वारा बनाया गया है। सूक्ष्मजीव जियोबैक्टर को 30 साल पहले अमेरिका की पोटोमैक नदी के दलदल में खोजा गया था।

अमेरिका की मैसाचुसेट्स यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के अनुसार एयर-जेन इलेक्ट्रोड को छोटे प्रोटीन तारों से इस तरह से जोड़ता है कि यह वायुमंडल में प्राकृतिक रूप से मौजूद जलवाष्प से विद्युत प्रवाह उत्पन्न करता है।

इस अध्ययन के सह लेखक जून याओ ने बताया कि एयर-जेन 24 घंटे स्वच्छ ऊर्जा उत्पन्न कर सकता है। यह डिवाइस नवीकरणीय, कम लागत वाली है और बड़ी बात यह है कि इससे किसी भी प्रकार का प्रदूषण नहीं पैदा होता है।

शोधकर्ताओं ने बताया कि यह डिवाइस सहारा रेगिस्तान जैसे अत्यंत कम आर्द्रता वाले क्षेत्रों में भी बिजली पैदा कर सकता है। अध्ययन के दूसरे सह लेखक डेरेक लवली ने कहा, 'अक्षय ऊर्जा उत्पन्न करने की यह विधि सौर और पवन ऊर्जा से बहुत बेहतर है, क्योंकि इसका इस्तेमाल घर के अंदर भी किया जा सकता है।'

शोधकर्ताओं ने बताया कि एयर-जेन डिवाइस के लिए छोटे प्रोटीन तारों की एक पतली फिल्म की आवश्यकता होती है, जो 10 माइक्रोमीटर से कम मोटी होती है और जलवाष्प को अवशोषित करती है। इस फिल्म का निचला सिरा एक इलेक्ट्रोड पर टिका है, जबकि एक इलेक्ट्रोड इस फिल्म के ऊपरी सिरे पर टिका है। शोधकर्ताओं ने बताया कि इन प्रोटीन वायरों में विद्युत प्रवाह की योग्यता और इसके सतह की विशेष बनावट दो इलेक्ट्रोडों के बीच विद्युत प्रवाह उत्पन्न करने के लिए अनुकूल परिस्थितियां बनाते हैं।

वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि छोटे इलेक्ट्रानिक्स को बिजली देने के लिए इस डिवाइस का उपयोग किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने कहा कि शोध का अंतिम लक्ष्य इस सिस्टम को बड़े पैमाने पर विकसित करना है। उन्होंने कहा कि उदाहरण के तौर पर यह सोचा जा रहा है कि इस प्रौद्योगिकी को दीवार के पेंट में शामिल कर दिया जाए, जिससे की पूरे घर के लिए आसानी से 24 घंटे बिजली मिल सके या फिर इस प्रौद्योगिकी से संचालित एक जनरेटर भी विकसित किया जा सकता है।

शोधकर्ताओं ने हाल ही में अधिक तेजी से और सस्ते में बड़े पैमाने पर प्रोटीन के तारों का उत्पादन करने के लिए एक सूक्ष्मजीव का आनुवंशिक संस्करण विकसित किया है। बताया कि उन्होंने ई कोली वायर को भी प्रोटीन नौनोवायर की फैक्ट्री में बदल दिया है।


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