अमेरिकी संसद में अब आसान नहीं होगी ट्रंप की राह
मध्यावधि चुनाव में मिली हार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए किसी सदमे से कम नहीं है।
वाशिंगटन, प्रेट्र । मध्यावधि चुनाव में मिली हार राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के लिए किसी सदमे से कम नहीं है। भले ही वह चुनाव परिणामों को जबरदस्त सफलता और अपनी पार्टी के प्रदर्शन को बेहतर बता रहे हों, लेकिन उन्हें भी पता है कि आने वाले दिन उनके लिए मुश्किल भरे होने वाले हैं।
अमेरिका फर्स्ट की नीति पर काम करते हुए ट्रंप आव्रजन और वीजा संबंधी सख्त कानून बनाने की वकालत करते हैं। उन्होंने मध्यावधि चुनाव के दौरान इसका जोर-शोर से प्रचार भी किया था। अवैध आप्रवासियों को वह पहले ही देश के लिए खतरा बता चुके हैं। कर सुधारों और स्वास्थ्य संबंधी नीतियों में बदलाव भी अब उनके लिए आसान नहीं होगा।
ट्रंप पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा द्वारा शुरू की गई हेल्थ केयर नीति के भी कट्टर आलोचक रहे हैं और उसे बदलने की उन्होंने घोषणा भी की थी। लेकिन अब संसद के निचले सदन प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुमत से उनके लिए ऐसा कर पाना मुश्किल होगा। हालांकि, सीनेट में बहुमत के चलते उन्हें कार्यकारी और न्यायिक नियुक्तियों में कोई दिक्कत नहीं होगी।
ट्रंप को होंगी ये दिक्कतें
- कई कानून और नीतियों को पास कराना आसान नहीं होगा।
- प्रतिनिधि सभा में डेमोक्रेटिक पार्टी ट्रंप प्रशासन की हर नीति की गहन छानबीन कर सकती है।
- पहले की नीतियों पर फिर से गौर कर सकती है।
- राष्ट्रपति ट्रंप के निजी व्यापार और वित्तीय मामलों की जांच कर सकती है।
- रूस के साथ कथित तौर पर राष्ट्रपति ट्रंप के संबंधों और आम चुनाव में रूस के हस्तक्षेप के आरोपों की जांच कर सकती है।
- राष्ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग की कार्रवाई शुरू हो सकती है।