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हिलेरी के खिलाफ उन्हीं के ईमेल को हथियार बनाते थे ट्रंप, न्याय विभाग की रिपोर्ट में खुलासा

पिछले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप अपनी प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन के खिलाफ उन्हीं के ईमेल से चोरी की गई सूचनाओं को हथियार के तौर पर इस्‍तेमाल करते थे।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 21 Jun 2020 06:05 AM (IST)Updated: Sun, 21 Jun 2020 06:05 AM (IST)
हिलेरी के खिलाफ उन्हीं के ईमेल को हथियार बनाते थे ट्रंप, न्याय विभाग की रिपोर्ट में खुलासा
हिलेरी के खिलाफ उन्हीं के ईमेल को हथियार बनाते थे ट्रंप, न्याय विभाग की रिपोर्ट में खुलासा

वाशिंगटन [द न्यूयॉर्क टाइम्स]। पिछले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डोनाल्ड ट्रंप (US President Donald Trump) अपनी प्रतिद्वंद्वी प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन (Hillary Clinton) के खिलाफ उन्हीं के ईमेल से चोरी की गई सूचनाओं को चुनावी हथियार बनाने में गहरी रुचि रखते थे। साल 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप के आरोपों की जांच करने वाले न्याय विभाग की शुक्रवार को जारी विस्तृत रिपोर्ट में इसका उल्लेख किया गया है। हिलेरी के ईमेल को रूसी जासूसी ने हैक किया था और विकीलीक्स ने उसकी सूचनाओं को जारी किया था।

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ट्रंप पर था संदेह

अमेरिकी चुनाव में रूसी हस्तक्षेप के मामले की विशेष अधिवक्ता रॉबर्ट मुलर ने करीब दो साल तक जांच करने के बाद अपनी रिपोर्ट सौंपी थी। जांचकर्ता ने इस मामले में राष्ट्रपति ट्रंप से भी पूछताछ की थी। रिपोर्ट में आशंका जताई गई है कि चुनाव में रूसी हस्तक्षेप और चुनावी नतीजों को प्रभावित करने के लिए रूस के साथ मिलीभगत के सवालों का ट्रंप ने सही-सही जवाब नहीं दिया था।

ट्रंप के सहयोगी को हो चुकी है जेल

हालांकि, इस रिपोर्ट में बहुत कुछ नई जानकारी नहीं है। ट्रंप के कार्यकाल के पहले दो साल के दौरान रिपोर्ट में दर्ज ज्यादातर मामले सामने आ चुके हैं। न्याय विभाग ने एक याचिका के जवाब में यह रिपोर्ट जारी किया है। याचिका में कहा गया था कि रिपोर्ट को संपादित कर पेश किया है। मामले की जांच कर रहे जज ने न्याय विभाग से पूरी रिपोर्ट उनके सामने पेश करने को कहा था। बता दें कि इस मामले में ट्रंप के मित्र और उनके पूर्व चुनाव प्रचार सलाहकार रोजर स्टोन को 40 महीने कैद की सजा हुई थी।

ट्रंप के रवैये के विरोध में उनके मंत्री ने पद छोड़ा

इस बीच अमेरिका में भड़की नस्ली हिंसा पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के रवैये के विरोध में उनकी एक मंत्री ने पद से इस्तीफा दे दिया है। अफ्रीकी-अमेरिकी मूल की यह मंत्री ट्रंप की बहुत ही भरोसेमंद थी। मंत्री ने नस्ली मामले से निपटने के ट्रंप के रवैये को अपने मूल्यों और सिद्धातों के खिलाफ बताया है। अमेरिका की सहायक विदेश मंत्री (विधायी मामले) मैरी एलिजाबेथ टेलर ने विदेश मंत्री माइक पोंपियो को लिखे पत्र में विरोध प्रदर्शनों पर कार्रवाइयों की आलोचना की है। उन्होंने कहा है, 'मुझे अपनी अंतरात्मा की आज्ञा का पालन करना चाहिए और इस्तीफा दे देना चाहिए।'  


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