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प्रदर्शनों पर बोले ट्रंप, इसे दोबारा नहीं देखना चाहता, अमेरिका की प्रतिष्ठा को पहुंची चोट

अमेरिका में हुए हिंसक प्रदर्शनों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि दो हफ्ते पहले जो हुआ उसे मैं दोबारा नहीं देखना चाहता हूं। इससे देश की छवि खराब हुई है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 09:40 PM (IST)Updated: Sat, 13 Jun 2020 03:16 AM (IST)
प्रदर्शनों पर बोले ट्रंप, इसे दोबारा नहीं देखना चाहता, अमेरिका की प्रतिष्ठा को पहुंची चोट
प्रदर्शनों पर बोले ट्रंप, इसे दोबारा नहीं देखना चाहता, अमेरिका की प्रतिष्ठा को पहुंची चोट

वाशिंगटन, एजेंसियां। अमेरिका में हुए हिंसक प्रदर्शनों पर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि पिछले दो हफ्ते पहले जो हुआ उससे देश की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा है। पिछले दो हफ्तों में लोग मारे गए और यह अत्यधिक डरावना और अनुचित है। इनमें से कई पुलिस अधिकारी थे। यह बहुत ही खराब स्थिति थी। मैं इसे दोबारा नहीं देखना चाहता हूं। प्रदर्शनकारियों के बढ़ते दबाव के आगे झुकते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने पुलिस सुधारों की भी बात मान ली है। उन्‍होंने बताया कि इस संबंध में शासकीय आदेश को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिससे पुलिस पेशेवर मानकों पर खरा उतर सके।

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पुलिस अधिकारियों पर कट्टर रूप में पेश करना भी अनुचित 

ट्रंप ने डलास में एक बैठक के दौरान कहा, 'हर बच्चे को सुरक्षित, हिंसा और भय से मुक्त समाज में बड़ा होने का अधिकार है। राष्ट्रपति ने माना कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने की प्रक्रिया कुछ लोगों के लिए परेशानी खड़ी करने वाली हो सकती है, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि सभी पुलिस अधिकारियों पर कट्टर रूप में पेश करना भी अनुचित है।' बता दें कि मिनीपोलिस में 25 मई को पुलिस हिरासत में अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद पुलिस सुधारों को लेकर देशव्यापी धरना-प्रदर्शन का दौर शुरू हुआ था।

सेना भेजना गैरकानूनी

सिएटल के मेयर ने गुरुवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए शहर में सेना भेजना असंवैधानिक और गैरकानूनी होगा। हालांकि मेयर जेनी दुर्कन ने यह नहीं बताया कि वह आखिर कब और कैसे 500 प्रदर्शनकारियों को हटाएंगे। डेमोक्रेटिक पार्टी से संबंध रखने वाले मेयर ने कहा कि सिएटल पर फिलहाल किसी प्रकार के हमले का खतरा नहीं है। सोमवार को प्रदर्शनकारियों द्वारा कब्जा करने के बाद पुलिस ने तनाव को कम करने के लिए जहां सड़क से बैरिकेड हटा लिए थे वहीं पुलिस थाने को खाली कर दिया था।

ब्रिटेन में गांधी, मंडेला और चर्चिल की मूर्तियों को ढका गया

सप्ताह के अंत में होने वाले विरोध-प्रदर्शनों को देखते हुए लंदन के पार्लियामेंट स्क्वायर पर लगी महात्मा गांधी, नेल्सन मंडेला और विंस्टन चर्चिल की प्रतिमाओं को ढक दिया गया है। दरअसल, नस्लवाद विरोध समूहों ने जहां फ्लॉयड की मौत को लेकर बड़े प्रदर्शनों का एलान किया है। उधर, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, 'यह बहुत बेतुका और शर्मनाक है कि पार्लियामेंट स्क्वायर पर लगी पूर्व पीएम चर्चिल की प्रतिमा को प्रदर्शनकारियों से खतरा है। यह बात ठीक है कि उनके कुछ बयान आज के परिपेक्ष्य में स्वीकार्य नहीं हैं, लेकिन वे एक नायक हैं।'

जिस पर रखा गया था शहर का नाम, उसकी प्रतिमा हटाई

न्यूजीलैंड के शहर हैमिल्टन में शुक्रवार को उस ब्रिटिश नौसैनिक अधिकारी की कांस्य प्रतिमा को हटा दिया गया, जिसके नाम पर इस शहर का नाम रखा गया था। कैप्टन जॉन हैमिल्टन नाम के इस नौसैनिक अधिकारी ने वर्ष 1860 में स्थानीय माओरी जनजाति के लोगों की बड़े पैमाने पर हत्या कराई थी। 16 लाख की आबादी वाला हैमिल्टन न्यूजीलैंड का चौथा बड़ा शहर है और यहां की 25 फीसद आबादी माओरी है।

अश्‍वेत पर तानी बंदूक हुआ गिरफ्तार

- ऑस्ट्रेलिया की सरकार ने महामारी फैलने की आशंका को लेकर लोगों से नस्लवाद विरोधी रैलियों में हिस्सा नहीं लेने का आह्वान किया है।

- अमेरिका के न्यूजर्सी प्रांत के कैमडेन शहर में गुरुवार शाम को प्रदर्शनकारियों ने क्रिस्टोफर कोलंबस की प्रतिमा को गिरा दिया।

- फ्लोरिडा में एक अश्वेत व्यक्ति पर बंदूक तानने के आरोप में एक गोरे पुलिस अधिकारी को गिरफ्तार कर लिया गया है। 


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