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खुफिया प्रमुख के तौर पर ट्रंप ने विवादित सांसद जॉन रैटक्लिफ को चुना

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुफिया प्रमुख के तौर पर सांसद जॉन रैटक्लिफ को चुना है। पिछले साल उन्हें लेकर विवाद भी खड़ा हो गया था।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sat, 29 Feb 2020 11:34 AM (IST)Updated: Sat, 29 Feb 2020 11:34 AM (IST)
खुफिया प्रमुख के तौर पर ट्रंप ने विवादित सांसद जॉन रैटक्लिफ को चुना
खुफिया प्रमुख के तौर पर ट्रंप ने विवादित सांसद जॉन रैटक्लिफ को चुना

वॉशिंगटन, एएफपी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रिपल्बिकन सांसद जॉन रैटक्लिफ को शुक्रवार को अपना खुफिया प्रमुख चुना है। उनकी घोषणा के साथ ही अहम पद को लेकर नया विवाद खड़ो हो गया है। दरअसल, स्थायी खुफिया प्रमुख का पद पिछले कई महीनों से खाली है। 

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ट्रंप ने 53 वर्षीय रैटक्लिफ को पिछले साल जुलाई में डैन कोट्स के इस्तीफे के बाद राष्ट्रीय खुफिया निदेशक नामित किया था। लेकिन, डेमोक्रेट्स ने उनके इस फैसले की बहुत आलोचना की। वहीं, रिपब्लिकन सांसदों ने भी ठंड़ी प्रतिक्रिया दी थी। जिसके बाद उनका नाम वापस ले लिया गया था। 

ट्रंप ने इसके बाद आतंकवाद निरोधक विशेषज्ञ जोसेफ मैकगुरे को कार्यकारी निदेशक के तौर पर नियुक्त किया। हालांकि,  मैकगुरे को 20 फरवरी को अपना पद छोड़ना पड़ा। क्योंकि, एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने कांग्रेस को बताया कि रूस ट्रंप को चुनाव जीताने के लिए एक बार फिर से सपोर्ट कर रहा है। इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने दो सप्ताह पहले अपने वफादार रिचर्ड ग्रेनेल को नियुक्त किया। हालांकि,  जर्मनी के पूर्व राजदूत के पास कोई खास अनुभव नहीं है। 

वहीं कुछ खुफिया विशेषज्ञों मे ट्रंप के इस फैसले को एक चाल बताया है। उनका कहना है कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि यह सुनिश्चित हो कि ग्रेनेल इस पद पर बने रहे। इस पूरे घटनाक्रम पर  टेक्सास विश्वविद्यालय के सुरक्षा कानून प्रोफेसर स्टीव व्लादेक ने कहा कि रैटक्लिफ के नामांकन को खारिज किए जाने या फिर उसे वापस लिए जाने के बाद रिचर्ड ग्रेनेल 11 मार्च के बाद तक 210 और दिनों के लिए कार्यकारी डीएनआई के पद पर रह सकते है।

गौरतलब है कि ट्रंप रैटक्लिफ का मुखरता से बचाव करते रहे हैं। कई बार उन्होंने खुफिया समुदाय के इस निष्कर्ष को खारिज कर दिया है जिसमें ट्रंप पर आरोप लगाया गया है कि 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूस ने हस्तक्षेप किया था। 

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