रूस से संबंधों को लेकर एफबीआइ की जांच पर भड़के डोनाल्ड ट्रंप
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि संघीय जांच एजेंसी (एफबीआइ) ने बिना सुबूत और कारण के उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी।
द न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संघीय जांच एजेंसी (एफबीआइ) पर निशाना साधा है। न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के बाद ट्रंप ने ट्वीट कर अपना गुस्सा निकाला। रिपोर्ट में कुछ पूर्व अधिकारियों के हवाले से बताया गया था कि मई, 2017 में एफबीआइ डायरेक्टर जेम्स कोमे को पद से हटाने के ट्रंप के फैसले से अधिकारियों का संदेह उन पर गहरा गया था। रूस से संबंधों को लेकर अधिकारियों का संदेह इतना गहरा हुआ कि उन्होंने ट्रंप के खिलाफ जांच शुरू कर दी।
कोमे को मुलर का करीबी बताया
रिपोर्ट सामने आने के बाद ट्रंप ने जांच एजेंसी पर निशाना साधा। ट्रंप ने कहा कि एजेंसी ने बिना सुबूत और कारण के उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी। कोमे और उनके सहयोगी एंड्र्यू मैककेब समेत कई पूर्व अधिकारियों पर ट्रंप ने अपने विरुद्ध षड्यंत्र रचने और झूठा केस बनाने का प्रयास करने का आरोप लगाया। कोमे को ट्रंप ने भ्रष्ट और स्पेशल काउंसल रॉबर्ट मुलर का करीबी बताया।
रूस की भूमिका को लेकर जांच
मुलर 2016 के राष्ट्रपति चुनाव के दौरान रूस की भूमिका को लेकर जांच कर रहे हैं। मुलर की जांच को ट्रंप पहले ही 'विच हंट' (अंधेरे में तीर चलाना) की संज्ञा दे चुके हैं। ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव के दौरान प्रतिद्वंद्वी रही डेमोक्रेट प्रत्याशी हिलेरी क्लिंटन को भी निशाने पर लिया। उन्होंने कहा कि बिना किसी सुबूत के एफबीआइ के समक्ष झूठ बोलकर हिलेरी ने कानून का उल्लंघन किया।
रिपोर्ट को भी खारिज किया
ट्रंप ने वाशिंगटन पोस्ट की उस रिपोर्ट को भी खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से संबंधों की जांच कर रहे उच्च अधिकारियों को रोकने के लिए ट्रंप ने कई कदम उठाए हैं। ट्रंप ने यह दावा भी किया कि रूस को लेकर उनके कदम पहले के राष्ट्रपतियों से ज्यादा सख्त हैं।
क्या था रिपोर्ट में?
न्यूयॉर्क टाइम्स ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि एफबीआइ राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के बीच संबंध को लेकर जांच कर रही है। मई, 2017 में एफबीआइ डायरेक्टर जेम्स बी. कोमे को पद से हटाने के ट्रंप के कदम से जांच एजेंसी को ऐसा लगने लगा था कि राष्ट्रपति का कदम देश की सुरक्षा को खतरा पहुंचाने वाला है। संदेह गहराने के कारण उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी गई।
जांच एजेंसी यह जानने का प्रयास भी कर रही है कि ट्रंप जानबूझकर रूस के इशारे पर काम कर रहे हैं या अनजाने में रूस का हथियार बन रहे हैं। हालांकि अब तक इनमें से किसी भी संदेह को पुष्ट करने वाला कोई प्रमाण सामने नहीं आया है।