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नवलनी मामले से ट्रंप ने किया किनारा, नहीं की रूस की निंदा, बोले- मुझे पता ही नहीं हुआ क्‍या था

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के विपक्षी नेता अलेक्सी नवलनी को जहर दिए जाने के मामले से पल्‍ला झाड़ते हुए रूस की निंदा करने से इन्कार कर दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 06 Sep 2020 06:09 PM (IST)Updated: Sun, 06 Sep 2020 06:09 PM (IST)
नवलनी मामले से ट्रंप ने किया किनारा, नहीं की रूस की निंदा, बोले- मुझे पता ही नहीं हुआ क्‍या था
नवलनी मामले से ट्रंप ने किया किनारा, नहीं की रूस की निंदा, बोले- मुझे पता ही नहीं हुआ क्‍या था

वाशिंगटन, आइएएनएस/रॉयटर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के विपक्षी नेता अलेक्सी नवलनी को जहर दिए जाने के मामले में रूस की निंदा करने से इन्कार किया है। बकौल ट्रंप, उन्होंने अभी तक ऐसा कोई साक्ष्य नहीं देखा है। इस बीच यूरोपीय यूनियन के प्रमुख के तौर पर जर्मनी ने संकेत दिए हैं कि वो रूस पर प्रतिबंध लगा सकता है। हाल ही में जर्मनी ने खुलासा किया था कि नवलनी को हाईग्रेड मिलिट्री नर्व एजेंट नोविचोक दी गई थी।

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बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, एक कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप ने पत्रकारों से कहा, 'मुझे नहीं पता वास्तव में क्या हुआ था। मुझे लगता है यह दुखद है, भयावह है, ऐसा नहीं होना चाहिए था। अभी हमारे पास कोई साक्ष्य नहीं है, लेकिन मैं इसे देखूंगा। यह बड़ा दिलचस्प है कि हर कोई हमेशा रूस का नाम लेता है। मुझे लगता है कि अभी चीन एक ऐसा देश है, जिसके बारे में आपको ज्यादा बात करनी चाहिए। चीन दुनिया के लिए रूस से बड़ा खतरा है।'

वहीं, नाटो और जर्मनी का कहना है कि इसमें कोई संदेह नहीं कि नवलनी पर नोविचोक नर्व एजेंट के साथ हमला किया गया। उनकी टीम का कहना है कि उन्हें क्रेमलिन के आदेश पर जहर दिया गया। रूस ने इससे इन्कार किया है। रूसी विदेश मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि यदि सच में नोविचोक का इस्तेमाल हुआ है, तो इतना तय है कि उसे रूस में तैयार नहीं किया गया होगा।

नवलनी रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन के मुखर विरोधी हैं। वह देश में भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान के प्रमुख प्रचारक हैं। कथित रूप से जहर दिए जाने के बाद वह अभी बर्लिन के एक अस्पताल में भर्ती हैं और कोमा में हैं। उन्हें इलाज के लिए साइबेरिया से एयरलिफ्ट कर जर्मनी ले जाया गया था। जर्मनी के विदेश मंत्री हैको मास ने कहा है कि जांच के दौरान उन्‍हें इस बात के सुबूत मिले हैं कि इस घटना के पीछे रूसी सरकार का हाथ था। 


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