डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर बोला हमला, कहा- हमने ड्रैगन की मदद की, उसने हमें कोरोना का बहुत बुरा गिफ्ट दिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि चीन ने अमेरिका का हमेशा फायदा उठाया है। हमने उसकी मदद की और साल में 500 बिलियन डॉलर दिए।
वाशिंगटन, एएनआइ। चीन पर एक फिर शुक्रवार को हमला बोलते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा कि कोरोना वायरस चीन का दिया हुआ बहुत ही बुरा गिफ्ट है। वे इसे रोक सकते थे। वुहान में ही इसे रोका जा सकता था। वुहान के अलावा बाकी चीन में कोराना के नहीं फैलने और बाकी दुनिया में फैलने पर ट्रम्प ने कहा कि उस समय वुहान बहुत बुरी हालत में था, लेकिन यह चीन के किसी अन्य हिस्से में नहीं फैला। हम पूरी दुनिया के साथ काम कर रहे हैं तो चीन के साथ भी करेंगे लेकिन जो हुआ, वह नहीं होना चाहिए था।
#COVID19 is a gift from China. Not good, they should have stopped it at the source. A very bad gift. Howcome, Wuhan where it started was in a very bad trouble, but it did not go to any other parts of China: US President Donald Trump. pic.twitter.com/EVhGk4ZIqA
— ANI (@ANI) June 5, 2020
उन्होंने कहा कि चीन ने अमेरिका का हमेशा फायदा उठाया है। हमने उसकी मदद की और साल में 500 बिलियन डॉलर दिए। वे लोग कितने स्टुपिड हैं जिन्होंने चीन और अन्य देशों के साथ हमारे देश का प्रतिनिधित्व किया।
अमेरिका ने बनाई कोरोना की 20 लाख वैक्सीन : ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया कि उनके देश को कोरोना की वैक्सीन बनाने की दिशा में जबर्दस्त कामयाबी मिली है। अमेरिका ने बीस लाख वैक्सीन बना ली हैं। इनके सुरक्षित होने की बात सुनिश्चित होते ही इनका इस्तेमाल शुरू हो जाएगा। ट्रंप ने एक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा कि गुरुवार को हमने कोरोना वैक्सीन को लेकर एक बैठक की। बैठक में पता चला कि हम लोगों ने इस दिशा में काफी अच्छा काम किया है।
समानता के संदर्भ में हर किसी के लिए एक महान दिन
उन्होंने कहा कि हम सभी ने देखा कि पिछले हफ्ते क्या हुआ था, हम ऐसा नहीं होने दे सकते। उम्मीद है कि जॉर्ज फ्लॉयड अभी नीचे देख रहा होगा और कह रहा होगा कि यह हमारे देश के लिए बहुत अच्छी बात है। यह समानता के संदर्भ में उनके लिए और हर किसी के लिए एक महान दिन है।
व्हाइट हाउस ने चीनी राज्य मीडिया द्वारा उद्धृत एक बयान में कहा कि पिछले 30 मई को ट्रम्प प्रशासन ने कुछ चीनी छात्रों और शोधकर्ताओं पर बौद्धिक संपदा चोरी करने का आरोप लगाने के बाद अमेरिका में प्रवेश करने पर प्रतिबंध लगा दिया था।