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विश्‍व की पहली 'हेड ट्रांसप्लांट सर्जरी' पर मंडराया खतरा, रूसी शख्‍स ने इरादा बदला

लगभग दो साल पहले वैलेरी पूर्वी मॉस्को स्थित घर से एक सॉफ़्टवेयर कंपनी चलाते थे। उन्हें एक जेनेटिक बीमारी वर्डनिग हॉफमैन है।

By Tilak RajEdited By: Published: Wed, 19 Dec 2018 11:19 AM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 11:21 AM (IST)
विश्‍व की पहली 'हेड ट्रांसप्लांट सर्जरी' पर मंडराया खतरा, रूसी शख्‍स ने इरादा बदला
विश्‍व की पहली 'हेड ट्रांसप्लांट सर्जरी' पर मंडराया खतरा, रूसी शख्‍स ने इरादा बदला

वाशिंगटन, एजेंसी। प्‍यार इंसान को बदलने के लिए मजबूर कर देता है। इंसान को जीने की नई आशा देता है। ये बात एक बार फिर साबित हो गई है। इटली के डॉक्टर सर्जियो केनावेरो दुनिया की पहली हेड ट्रांसप्लांट(नया सिर लगाया) सर्जरी करने जा रहे हैं। यह सर्जरी रूस के 33 वर्षीय वैलेरी स्पिरीडोनोव पर की जानी थी, जो एक कंप्यूटर वैज्ञानिक हैं। इस सर्जरी की तैयारी पिछले दो साल से चल रही है। लेकिन अब वैलेरी ने इस सर्जरी को कराने के लिए मना कर दिया है। इसकी वजह है, प्‍यार...!

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लगभग दो साल पहले वैलेरी पूर्वी मॉस्को स्थित घर से एक सॉफ़्टवेयर कंपनी चलाते थे। उन्हें एक जेनेटिक बीमारी वर्डनिग हॉफमैन है। वेलरी हमेशा व्‍हीलचेयर पर रहने को मजबूर हैं। इसकी वजह से उनकी मांसपेशियों और मोटर न्यूरॉन्स खराब हो चुके हैं। शरीर में बस इतनी शक्ति है कि खुद से खाना खा सकें, ऑटोमेटिक व्‍हीलचेयर पर घूम सकें और टाइपिंग कर सकें। यह बीमारी बेहद खतरनाक होती है और डॉक्टरों को तो आशंका थी कि वे जीवित ही नहीं बचेंगे। शायद यही वजह थी कि वेलरी ने जान जोखिम में डालकर इस ऑपरेशन के लिए मंजूरी दी थी।

लेकिन पिछले दो सालों में वैलेरी की लगभग पूरी जिंदगी ही बदल गई है। इस दौरान उन्‍हें एनास्‍तासिया पैनपैनफिलोवा नाम की एक सुंदर लड़की से प्‍यार हो गया, जिससे वह शादी कर चुके हैं। हाल ही में उन्‍हें एक बच्‍चा हुआ है, जिसे 'चमत्‍कारी बच्‍चा' कहा जा रहा है। किसी को उम्‍मीद नहीं थी कि वैलेरी कभी पिता बन सकते हैं, लेकिन ये करिश्‍मा हो चुका है। वैलरी अब अपनी पत्‍नी और बच्‍चे के साथ बेहद खुश हैं। अब उन्‍हें अपनी जिंदगी से प्‍यार हो गया है। इसलिए उन्‍होंने हेड ट्रांसप्‍लांट कराने का फैसला बदल दिया है।

वैलेरी ने एक इंटरव्‍यू में कहा, 'अब मैं अपनी जिंदगी के साथ कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता हूं। मैंने इस प्रोजेक्‍ट को अपनी जिंदगी के दो साल दिए हैं। मुझे यकीन है कि ये ऑपरेशन किसी अन्‍य शख्‍स पर कामयाब रहेगा। लेकिन मैं अब इस प्रोजेक्‍ट का हिस्‍सा नहीं बनना चाहता हूं।'

बता दें कि वैलेरी इन दिनों अमेरिका की फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी में हैं, जहां वह भावनाओं के कंप्यूटर विश्लेषण का अध्ययन कर रहे हैं। उनकी पत्‍नी भी कंप्‍यूटर एक्‍सपर्ट हैं। वैलेरी का बेटा भी पूरी तरह से स्‍वस्‍थ है। प्‍यार ने वैलेरी को पूरी तरह से बदल दिया है।

गौरतलब है कि सर्जरी को अंजाम देने का फैसला करने वाले पहले डॉक्टर का नाम शाओपिंग रेन है। 55 साल के यह चीनी डॉक्टर जब अमेरिका में रहते थे तो उस टीम के हिस्सा थे, जिसने पहला कामयाब हैंड ट्रांस्प्लांट किया था। उस ऑपरेशन के लिए उन्होंने सुअर के पैर रिप्लेस करके प्रैक्टिस की थी। दूसरे डॉक्टर सर्जियो कैनावेरो हैं। 51 साल के सर्जियो 'डॉक्टर फ्रैंकेस्टाइन' कहलाना पसंद करते हैं। कैनावेरो ने कहा कि ट्रांसप्लांट से जुड़ा ऑपरेशन 2017 की शुरुआत तक हो सकता है। उनके मुताबिक, इस ऑपरेशन के कामयाब होने की 90 पर्सेंट तक संभावना है। अगर यह ऑपरेशन होता है तो इसमें 80 सर्जन हिस्सा लेंगे और 10 मिलियन डॉलर से ज्यादा की रकम खर्च होगी। बहुत सारे वैज्ञानिकों ने इस प्रोजेक्ट को खारिज किया है और कहा है कि इसके कामयाब होने की उम्मीद करना झूठा दिलासा देने जैसा है। उनका कहना है कि अगर ऑपरेशन की वजह से स्प्रिडोनोव की मौत हो जाती है तो डॉक्टरों के खिलाफ मर्डर का केस चलाया जाना चाहिए।


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