काबुल एयरपोर्ट पर बिगड़े हालात, अमेरिका, ब्रिटेन और आस्ट्रेलिया ने आतंकी हमलों की आशंका जताई, नागरिकों को दी यह सलाह
काबुल एयरपोर्ट पर हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं। आस्ट्रेलिया अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई अन्य सहयोगी देशों ने लोगों से गुजारिश की है कि वे काबुल एयरपोर्ट से कहीं दूर चले जाएं। पढ़ें यह रिपोर्ट ...
काबुल, एजेंसियां। काबुल एयरपोर्ट पर हालात बेकाबू होते नजर आ रहे हैं। आस्ट्रेलिया, अमेरिका और ब्रिटेन समेत कई अन्य सहयोगी देशों ने लोगों से गुजारिश की है कि वे काबुल एयरपोर्ट से कहीं दूर चले जाएं। ब्रिटिश सरकार ने चेतावनी दी कि इस्लामिक स्टेट के आतंकियों की ओर से काबुल हवाई अड्डे पर मौजूद लोगों को निशाना बनाकर हमले किए जा सकते हैं। अफगानों का भी कहना है कि हामिद करजई हवाई अड्डे पर खूंखार आतंकी संगठन आइएस के हमले का खतरा है। यही नहीं अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन का भी कहना है कि तालिबान ने काबुल एयरपोर्ट के चारों ओर अपनी ताकत बढ़ा ली है और इलाके को पूरी तरह से अपने नियंत्रण में ले लिया है।
अमेरिका ने अपने नागरिकों को दी यह सलाह
काबुल में अमेरिकी दूतावास की ओर से विगत बुधवार की शाम को जारी एक अलर्ट में नागरिकों को सलाह दी गई है कि वह एयरपोर्ट की ओर यात्रा करना टाल दें। जो लोग पहले से एयरपोर्ट के गेट पर मौजूद हैं, वह तत्काल वहां से चले जाएं। चूंकि यहां सुरक्षा संबंधी अस्पष्ट खतरा है। आस्ट्रेलिया ने भी सतर्क करते हुए लोगों को एयरपोर्ट से दूर रहने की सलाह दी।
ब्रिटेन ने जताया आतंकी हमले का अंदेशा
वहीं ब्रिटेन के सशस्त्र बलों के मंत्री जेम्स हैपी ने कहा कि एक बड़े हमले की बड़ी विश्वसनीय रिपोर्ट आई है। इसलिए लोगों को एयरपोर्ट से दूर चले जाना चाहिए। बीबीसी रेडियो को दी जानकारी में उन्होंने कहा कि एयरपोर्ट पर नाटो के एक राजनयिक ने बताया कि यह खतरा आतंकी संगठन इस्लामिक इस्टेट की ओर से है।
फ्रांस बंद रखेगा उड़ान
नाटो के राजनयिक और तालिबानी नेताओं दोनों ने काबुल एयरपोर्ट के इलाके में आइएस से खतरा होने की बात कही है। वहीं फ्रांस ने इस खतरे की बात सामने आने के बाद कहा कि वह शुक्रवार को उड़ानें बंद रखेगा।
डेनमार्क और नीदरलैंड ने भेजी अंतिम फ्लाइट
डेनमार्क ने कहा कि उसकी आखिरी उड़ान काबुल से रवाना हो चुकी है जबकि नीदरलैंड के रक्षा मंत्री ट्राइन ब्रैमसेन ने कहा कि काबुल से उड़ानें लाना या ले जाना अब खतरे से खाली नहीं है। आखिरी फ्लाइट रवाना हो चुकी है जिसमें सैनिकों व राजनयिकों समेत 90 लोग हैं।
लोगों को निकालने का बढ़ा दबाव
अमेरिका समेत सभी सहयोगी सैन्य बल अगले हफ्ते तक इस हवाई अड्डे को खाली कर देना चाहते हैं। लिहाजा, बीस साल से अफगानिस्तान में तैनात रहे सैन्य बलों पर हजारों विदेशियों और समर्थक अफगानों को यहां से जल्द निकालने का दबाव भी है।
ऑस्ट्रेलिया ने भी किया आगाह
ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मारिसे पायने ने कहा कि मौजूदा वक्त में काबुल एयरपोर्ट पर आतंकी हमला होने का बहुत ज्यादा खतरा है। जबकि अमेरिका की ओर से कहा गया है कि अमेरिकी नागरिक काबुल एयरपोर्ट की ओर न जाएं या वहां जमा ना हों क्योंकि हवाई अड्डे के गेट के बाहर सुरक्षा की स्थिति ठीक नहीं है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक काबुल हवाई अड्डे की सुरक्षा और संचालन फिलहाल अमेरिका के हाथ में है। काबुल एयरपोर्ट पर अमेरिका के 5800 सैनिक मौजूद हैं। मौजूदा वक्त में ये अमेरिकी सैनिक तालिबान की मदद पर निर्भर हैं जिससे अंतरराष्ट्रीय सैनिकों को खतरा है।